
मुंबई. मुंबई एवं आस-पास के क्षेत्रों में हो रही जोरदार बारिश से जलापूर्ति करने वाले सात जलाशयों में ओवरफ्लो होने वाला मोडक सागर पहला जलाशय बन गया है. इन जलाशयों से मुंबई के नागरिकों को प्रतिदिन 385 करोड़ लीटर (3,850 मिलियन लीटर) शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होती है. आज दोपहर 01.04 बजे से मोडक-सागर जलाशय ओवरफ्लो होकर बहने लगी है. इसकी जानकारी बीएमसी जल अभियंता विभाग ने दी है.
-इस बार पहले भरने लगी झीलें: पिछले साल साल 22 जुलाई 2021 को सुबह 03.24 बजे मोडक-सागर झील बहने लगी थी. इससे पहले साल 2020 में 18 अगस्त को रात 09.24 बजे, साल 2019 में 26 जुलाई को ओवरफ्लो हुआ था. वर्ष 2018 और 2017 दोनों में 15 जुलाई और साल 2016 में 01 अगस्त को झील में पूरी तरह ओवरफ्लो हुई थी. पिछले वर्षों की सभी तारीखों को ध्यान में रखते हुए इस साल के मानसून में पिछले रिकॉर्ड की तुलना में कुछ दिन पहले ही झीलें भरने लगी हैं.
झील-वार आंकड़ों के अनुसार, अपर वैतरणा झील में 43.72 प्रतिशत या 9926.80 करोड़ लीटर (99,268 मिलियन लीटर) जल भंडारण हुआ है. जबकि तानसा झील में 66.79 प्रतिशत या 9689.40 करोड़ लीटर (96.89 प्रतिशत) भंडारण हुआ है. ‘हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे मध्य वैतरणा जलाशय’ (53.90 प्रतिशत जल भंडारण क्षमता यानी 10432.20 करोड़ लीटर (1,04,322 मिलियन लीटर), भातसा जलाशय में 51.06 प्रतिशत यानी 36611.30 करोड़ लीटर (3,66,113 मिलियन लीटर), विहार जलाशय में 53.18 प्रतिशत या 1473 करोड़ लीटर (14,730 मिलियन लीटर) और तुलसी जलाशय में 76.08 प्रतिशत या 612.10 करोड़ लीटर (6,121 मिलियन) लीटर) पानी भंडारण हुआ है.
मुंबई को प्रतिदिन 385 करोड़ लीटर (3,850 मिलियन लीटर) पानी की होती है आपूर्ति