नयी दिल्ली. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार और अजीत पवार धड़े के बीच पार्टी तथा चुनाव चिन्ह को लेकर चल रही रस्साकस्सी अजीत पवार द्वारा चुनाव चिन्ह पर दावे के लिए याचिका दायर करने के साथ ही निर्वाचन आयोग पहुंच गयी है. राकांपा से नाता तोड़कर महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी तथा शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट की सरकार में शामिल होने वाले अजीत पवार ने बुधवार को यहां निर्वाचन आयोग में याचिका दायर कर राकांपा के चुनाव चिन्ह पर अपना दावा ठोक दिया. इस बीच शरद पवार धड़े ने भी केविट याचिका दायर कर मांग की है कि इस मामले में कोई आदेश जारी करने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाना चाहिए. अजीत पवार ने अपने दावे के समर्थन में कुछ विधायकों के शपथ पत्र भी आयोग को दिये हैं. उधर महाराष्ट्र में राकांपा प्रमुख शरद पवार ने समर्थकों से कहा कि पार्टी चुनाव चिन्ह हमारे पास ही है.
अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग में एक हलफनामा दाखिल करते हुए चुनाव आयोग को बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों के द्वारा 30 जून 2023 को भारी बहुमत के साथ एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें अजित पवार को का अध्यक्ष चुना गया. साथ ही यह भी बताया गया है कि प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष थे और अभी भी बने हुए हैं. एनसीपी ने अजित पवार को महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी विधायक दल का नेता नियुक्त करने का भी फैसला किया है.
इधर शरद पवार द्वारा बुलाई गई बैठक में कुल 13 विधायक शामिल हुए. इसके अलावा बैठक में तीन एमएलसी और पांच सांसद भी मौजूद थे. विधायकों में अनिल देशमुख, रोहित पवार, राजेंद्र शिंगणे, अशोक पवार, किरण लाहामाटे, प्राजक्त तानपुरे, बालासाहेब पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, चेतन विट्ठल, जयंत पाटिल, राजेश टोपे, संदीप और देवेंद्र भूयर आदि रहे.