नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में बाढ़ को लेकर खतरा मंडरा रहा है. यमुना किनारे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है. अभी तक दिल्ली सरकार ने हजारों पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है. दिल्ली में फिलहाल यमुना का जलस्तर 206.76 मीटर है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर पहुंच गया है.
दिल्ली सरकार द्वारा जारी बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, ओल्ड रेलवे ब्रिज (ओआरबी) पर रात आठ बजे नदी के पानी का वर्तमान स्तर 206.76 मीटर था. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, 12 जुलाई को सुबह 3 बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज (ओआरबी) पर जल स्तर 207.00 मीटर होने की उम्मीद है और उसके बाद इसके और बढ़ने की संभावना है. राहत और बचाव कार्य के लिए 45 नावें, एनडीआरएफ की टीमें लगाई गई हैं.
दिल्ली सरकार लोगों को पहुंचा रही सुरक्षित स्थानों पर
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को कहा कि शहर में उफनती यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र में रहने वाले हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी आवासों में स्थानांतरित कर दिया गया है और उन्हें भोजन और पानी उपलब्ध कराया गया है. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि निकासी प्रक्रिया चल रही है.
2700 से अधिक तंबुओं की सुविधा की गई
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि प्रभावित लोगों को दिल्ली के पूर्व, उत्तर, उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पूर्व, मध्य और शाहदरा जिलों में स्थानांतरित किया जा रहा है, जहां उनके लिए 2,700 से अधिक तंबुओं की व्यवस्था की गई है. मंत्री ने कहा कि हरियाणा से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जल स्तर बढ़ रहा है लेकिन दिल्ली में बाढ़ की संभावना नहीं है.
दिल्ली में नहीं आएगी बाढ़
उन्होंने कहा कि दिल्ली में बाढ़ नहीं आएगी. जैसे ही यमुना का स्तर बढ़ेगा, नदी के किनारे रहने वाले लोगों को हटाना होगा. नदी के करीब के आवासीय इलाकों में पानी घुसने का कोई खतरा नहीं है.
निकाले गए लोगों को आश्रय देने के लिए अधिकांश टेंट पूर्वी जिले (1,700) में लगाए गए हैं, इसके अलावा उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले में 280, शाहदरा में 170, मध्य में 150 और दक्षिण पूर्व जिले में 384 टेंट लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तरी जिले में आश्रय स्थल भी तैयार किए गए हैं जहां भोजन, पानी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं.
जलभराव को लेकर एलजी ने की मीटिंग
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने गंभीर जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए पीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी, एमसीडी, डीजेबी, आई एंड एफसी और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की. एलजी ने मंगलवार सुबह प्रगति मैदान सुरंग, मिंटो ब्रिज और जखीरा अंडरपास सहित जलभराव-प्रवण स्थलों का दौरा किया था.
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने प्रगति मैदान सुरंग में बाढ़ की समीक्षा के लिए आईटीपीओ के अध्यक्ष और मुख्य सचिव के साथ एक और बैठक की. इस दौरान प्राथमिकता के आधार पर उन इंजीनियरिंग दोषों को ठीक करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए, जिनके कारण जलभराव हुआ. एलजी बुधवार को भी प्रगति मैदान सुरंग स्थल का दौरा करेंगे.