लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अमरोहा लोकसभा के सांसद दानिश अली को अनुशासनहीनता के आरोप में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निलंबित कर दिया गया है. पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने शनिवार को कहा कि श्री अली पार्टी की नीतियों, विचारधारा और अनुशासन के विपरीत जाकर बयानबाजी कर रहे थे आौर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे. इसलिये उन्हे पार्टी से निलंबित किया गया है. जबकि सांसद ने अपने निष्कासन को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.
श्री मिश्रा ने कहा कि श्री अली 2018 में पूर्व प्रधानमंत्री देवीगौड़ा की जनता पार्टी के सदस्य के रूप में कार्य कर रहे थे. कर्नाटक में 2018 का आम चुनाव बसपा और जनता पार्टी ने मिल कर लड़ा था. चुनाव के नतीजे आने से पहले श्री देवीगौड़ा की सिफारिश पर श्री अली को अमरोहा से बसपा का टिकट दिया गया था. उस समय श्री देवीगौडा ने आश्वस्त किया था कि श्री अली बसपा की नीतियों के प्रति समर्पित रहेंगे और पार्टी आलाकमान के निर्देशों का पालन करेंगे. बसपा ने अपने टिकट पर श्री अली को लोकसभा पहुंचाया मगर श्री देवीगौडा से मिले आश्वासन के विपरीत श्री अली पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे, इसलिये उन्हे निलंबित करने का फैसला लेना पडा है.
उत्तर प्रदेश के अमरोहा से लोकसभा संसद कुंवर दानिश ने कहा कि उन्होंने पूरी मेहनत और लगन से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को मज़बूत करने का प्रयास किया, लेकिन पार्टी से निकाले जाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. श्री अली ने बसपा से निष्कासित किए जाने के बाद आज कहा, “मैं बहन मायावती जी का हमेशा शुक्रगुज़ार रहूँगा की उन्होंने मुझे बसपा का टिकट देकर लोकसभा का सदस्य बनने में मदद की. बहन जी ने मुझे बसपा संसदीय दल का नेता भी बनाया. मुझे सदैव उनका असीम स्नेह और समर्थन मिला. उनका आज का फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण है.”
गौरतलब है कि हाल ही में श्री अली पर भाजपा सांसद ने अनर्गल बयानबाजी का आरोप लगाया था. इसके साथ ही उन पर कांग्रेस से नजदीकियां बढाने के भी आरोप लगते रहे हैं.