- फैक्ट्री मालिक और उसका बेटा अरेस्ट
हरदा. मध्यप्रदेश के हरदा जिला मुख्यालय पर आज आबादी वाले क्षेत्र में स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए सिलसिलेवार विस्फोट और उसके बाद भीषण आग लगने की घटना में कम से कम 12 लोगों की मृत्यु हो गयी और और 175 लोग घायल हो गए. शाम ढलने तक कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका के बीच राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी थे. इस मामले में अवैध फटाखा फैक्ट्री का संचालक राजीव अग्रवाल, और उसके बेटे को वेन्यु कार से सारंगपुर में गिरफ्तार किया गया है. आरोपी हादसे के बाद फरार हो गए थे. राजेश अग्रवाल उज्जैन से दिल्ली के लिए निकले थे, साथ ही सोमेश अग्रवाल भी था, जो वाहन में सवार था और मध्य प्रदेश छोड़ दिल्ली भागने की कोशिश कर रहा था.
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव स्वयं भोपाल से इस संपूर्ण घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं और उन्होंने आज रात्रि में प्रस्तावित छिंदवाड़ा की यात्रा स्थगित कर दी. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से प्रत्येक मृतक के आश्रितों को दो दो लाख रुपए और गंभीर घायलों को पचास पचास हजार रुपए की राहत राशि प्रदान की जाएगी. डॉ यादव ने राज्य सरकार की ओर से मृतकों के आश्रितों चार चार लाख रुपए के मान से राहत राशि देने और प्रत्येक घायल का इलाज कराने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
हरदा के बैरागढ़ क्षेत्र में कथित तौर पर अवैध रूप से संचालित पटाखा फैैक्ट्री में दिन में लगभग साढ़े ग्यारह बजे विस्फोट के बाद भीषण आग लग गयी. बताया गया है कि जिस भवन में पटाखा बनाने का कार्य किया जाता था और जहां विस्फोटक सामग्री रखी हुयी थी, वह लगभग चार पांच मंजिला थी. इसी के आसपास पटाखा से संबंधित दो तीन गोदाम के अलावा कुछ दूरी पर रिहायशी क्षेत्र स्थित है. आग लगने या विस्फोट होने का कारण शाम तक पता नहीं चल सका, लेकिन अचानक तेज आवाज के साथ लगातार हुए विस्फोटों की आवाज से नगरवासी सहम गए और उन्हें तत्काल पता ही नहीं चल सका कि क्या हुआ है. भीषण और सिलसिलेवार विस्फोटों के कारण आसपास के कई किलोमीटर क्षेत्र में कंपन महसूस हुए. आसमान में धुएं के गुबार छा गए. घटनास्थल के आसपास के क्षेत्रों में भगदड़ की स्थिति बन गयी.
विस्फोट की जानकारी मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी तथा दमकल वाहन साथ पहुंचे. आग ने आसपास के मकानों को भी चपेट में ले लिया. फैक्ट्री वाला भवन पूरी तरह नष्ट हो गया. इस भवन में कितने लोग मौजूद थे, यह आधिकारिक तौर पर स्पष्ट नहीं हो सका, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया जा रहा है कि इसमें एक सौ से अधिक श्रमिक और उनके परिजन मौजूद रहे होंगे. भवन के अंदर मौजूद रहे कितने लोग बाहर निकल पाए या नहीं, इसके बारे में शाम तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी. आग बुझाने के लिए हरदा के आसपास के जिलों से भी दमकल वाहन बुलाए गए. एंबुलेंस भी आसपास के जिलों से यहां पहुंची और घायलों को भोपाल और इंदौर के अस्पतालों में भेजने की व्यवस्था की गयी. घायलों को प्रारंभिक उपचार यहीं पर दिया गया और कुछ मरीज यहां भी भरती हैं. कम से कम साठ मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं.
प्रशासनिक अमला राहत एवं बचाव कार्य में दिन भर लगा रहा. इसकी निगरानी भोपाल से मुख्यमंत्री डॉ यादव और वरिष्ठ अधिकारी करते रहे. अंधेरे में भी राहत एवं बचाव कार्य चलाने के लिए आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं. देर शाम तक आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन और भी बारुद व विस्फोटक सामग्री घटनास्थल पर मौजूद रहने की आशंका के मद्देनजर ऐहतियाती उपायों के साथ बचाव कार्य पर जोर दिया जाता रहा. मुख्य घटनास्थल का मलबा उठाने का कार्य शाम तक नहीं हो सका.
इस हादसे से जुड़े अनेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं. कुछ वीडियो काफी वीभत्स हैं. प्रशासन ने देर शाम तक 12 लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है. इनकी संख्या और बढ़ सकती है. घायलों के बेहतर उपचार के प्रबंध भोपाल और इंदौर के प्रमुख अस्पतालों में किए गए हैं. खासतौर से “बर्न यूनिट” में इलाज की व्यवस्थाएं भी की गयी हैं.
इस हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री श्री मोदी के अलावा अनेक केंद्रीय मंत्रियों, मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ यादव, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा, राज्य के मंत्री, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने भी दुख व्यक्त करते हुए दिवंगतों के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित किए हैं.