अत्याधुनिक एसीएल सर्जरी से पूनम को मिला नया जीवन
उदयपुर (पुकार).
घुटनों की गंभीर चोटों से जूझ रहे मरीजों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. उदयपुर स्थित शांतिराज अस्पताल में शहर के वरिष्ठ जोड़ एवं खेल चोट विशेषज्ञ डॉ. गौरव जैन ने हाल ही में अत्याधुनिक ऑल इनसाइड एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. खास बात यह रही कि मरीज पूनम ने सर्जरी के अगले ही दिन बिना किसी सहारे के चलना शुरू कर दिया.
चोट के बाद टूटा आत्मविश्वास, फिर मिला नया रास्ता
पूनम को हाल ही में एक हादसे में गिरने के बाद घुटने में गंभीर चोट लगी थी. एमआरआई जांच में सामने आया कि उनके घुटने का Anterior Cruciate Ligament (ACL) पूरी तरह फट चुका था. इसके चलते उन्हें चलने में असुविधा और बार-बार घुटने में ढीलापन महसूस होने लगा था.
पूनम ने कई बड़े शहरों के सर्जनों से परामर्श लिया, जहां उन्हें पारंपरिक एसीएल सर्जरी की सलाह दी गई. लेकिन इस पद्धति में लंबे समय तक चलने-फिरने पर रोक, मांसपेशियों के कमजोर होने और कठिन रिहैबिलिटेशन की संभावना के चलते वह चिंतित थीं.
इसी दौरान उन्होंने शांतिराज अस्पताल में वरिष्ठ स्पोर्ट्स एवं जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. गौरव जैन से संपर्क किया, जिन्होंने उन्हें ऑल इनसाइड एसीएल रिकंस्ट्रक्शन नामक नवीनतम तकनीक के बारे में जानकारी दी
नई तकनीक, तेज़ रिकवरी
डॉ. गौरव जैन ने बताया कि पारंपरिक एसीएल सर्जरी में जहां हड्डी को पूरी तरह ड्रिल कर ग्राफ्ट डाला जाता है और स्क्रू से फिक्स किया जाता है, वहीं ऑल इनसाइड तकनीक में केवल छोटी हड्डी की सॉकेट बनाई जाती है. इस प्रक्रिया में विशेष उपकरण फ्लिप कटर का उपयोग होता है, जिससे हड्डी की क्षति न्यूनतम होती है और स्क्रू की आवश्यकता नहीं रहती.
इस तकनीक का सबसे बड़ा लाभ यह है कि मरीज अगले ही दिन से ऑपरेशन वाले पैर पर पूरा वजन डालकर चल सकता है. यही कारण है कि पूनम ने ऑपरेशन के 24 घंटे के भीतर अपने पैरों पर लौट कर आत्मविश्वास से चलना शुरू कर दिया.
उदयपुर बना हाई-एंड आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी का नया केंद्र
डॉ. जैन के अनुसार, पहले ऐसी एडवांस सर्जरी के लिए मरीजों को अहमदाबाद, मुंबई या अन्य मेट्रो शहरों का रुख करना पड़ता था. लेकिन अब उदयपुर में भी यह सेवा विश्वस्तरीय गुणवत्ता के साथ उपलब्ध है.
शांतिराज अस्पताल में आर्थ्रोस्कोपिक घुटना सर्जरी के लिए आवश्यक सभी आधुनिक उपकरण, प्रशिक्षित मेडिकल टीम और पुनर्वास की सुविधाएं मौजूद हैं. डॉ. जैन ने बताया कि यह तकनीक विशेष रूप से युवा खिलाड़ियों, व्यायाम करने वालों और जल्दी सामान्य जीवन में लौटने की चाह रखने वाले मरीजों के लिए बेहद लाभकारी है.
पूनम बोलीं – “मैंने सोचा नहीं था इतनी जल्दी चल पाऊंगी”
सर्जरी के कुछ दिनों बाद पूनम ने कहा, “चोट के बाद मैं मानसिक रूप से टूट चुकी थी, लेकिन डॉ. जैन ने मुझे न सिर्फ नई तकनीक से अवगत कराया बल्कि भरोसा भी दिया. ऑपरेशन के अगले दिन मैं चल सकी — यह मेरे लिए चमत्कार जैसा था. आज मैं सामान्य जीवन जी रही हूं.”
यह सर्जरी उदयपुर के लिए न सिर्फ मेडिकल क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह साबित करती है कि अब छोटे शहरों में भी वैश्विक मानकों पर आधारित उन्नत इलाज संभव हो चुका है.