
उत्तर प्रदेश बस्ती:- जिले के लालगंज थाना अंतर्गत सेल्हरा गांव में संत कुुुटीर आश्रम है जो पीड़िता की निजी संपत्ति है पीड़िता ने सच्चिदानंद के ऊपर बलात्कार का आरोप लगाया था तथा दो अन्य रेप के मामलों में वह गवाह भी हैं, पीड़िता ने बताया कि वह अपने घर से 23 अक्टूबर दिन रविवार को आश्रम पर अपने बहन के साथ गई हुई थी शाम के वक्त वह और उनकी बहन आश्रम का गेट बंद करके घर को जाने लगे तभी आश्रम के खेत के चारों तरफ लगे तार के काटने की आवाज आई पीड़ितों ने पुनः अंदर जाकर देखा तो 5 लोग आश्रम में मौजूद थे जिनमें 3 महिलाएं व दो पुरुष थे महिलाओं का नाम बताते हुए पीड़ितों ने कहा कि महात्मा माझीबाई उर्फ पूनम, महात्मा कमलाबाई उर्फ प्रियंका श्रीवास्तव, महात्मा शीतला बाई उर्फ दीपिका व सुजीत कुमार, संतोष कुमार मौजूद थे. पहले तो इन लोगों ने पीड़िता को डराया धमकाया की बाबा के मामले से दूर रहें और गवाही न दें केस वापस ले लें, जब इन धमकियों से काम नहीं चला तो पीड़िता का दुपट्टा छीन कर पीड़िता के गले में बांध कर मारने की कोशिश करने लगे. यह सब देख कर उसकी बहन चिल्लाने लगी आवाज सुनकर गांव के लोग मौके पर पहुंच गए जिससे पीड़ित की जान बची परंतु पांच अपराधियों में से 4 अपराधी भाग गए केवल एक ही पकड़ा गया, गांव वालों ने 112 नंबर पर फोन कर पुलिस को सूचना दी मौके पर पुलिस पहुंची और पीडिता व पकड़े गए अभियुक्त को कुदरहा चौकी ले गई.
घटना के 3 दिन बाद 26 अक्टूबर 2022 को लालगंज थाने पर आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 323, 504, 506 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया.
कौन है सच्चिदानंद और कमलाबाई उर्फ प्रमिला श्रीवास्तव?
2017 में बस्ती जिले के चर्चित आश्रम गैंगरेप कांड के मुख्य आरोपी बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद की शिष्या और 50 हजार की इनामिया प्रमिला बाई थी.
30 जून 2021 को STF के हत्थे चढ़ा था बलात्कारी बलात्कारी बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद
बता दें कि बस्ती संत कुटीर आश्रम में युवतियों से यौन शोषण के मामले में नामजद बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद को यूपी STF ने बुधवार,30 जून 2021,को अमरोहा से गिरफ्तार कर लिया था. एसटीएफ के एसपी हेमराज मीणा ने इसकी पुष्टि की थी|
सर पर था 50 हज़ार रुपए का इनाम
बलात्कारी बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था. वह अमरोहा के गजरौला थाना क्षेत्र में ब्रजघाट पुलिस चौकी के ठीक पीछे अद्वैत स्वरूप महिला संत आश्रम बनाकर बाबा के रूप में छुपा हुआ था. झारखंड और बिहार में भी उसके आश्रम थे.
20 दिसंबर 2017 को सच्चिदानंद और अन्य पर बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म करने व अन्य संगीन धाराओं में कोतवाली में केस दर्ज किया गया था. पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह दबिश दीं मगर वह नहीं मिला. आश्रम की कुर्की तक हुई और 50 हजार का इनाम घोषित किया गया लेकिन बाबा हाथ नहीं लगा.
बाबा सच्चिदानंद का एक शिष्य परमचेतानंद और सेविका उर्मिला बाई को 5 अगस्त 2018 में बभनान रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया था.
सत्संग में आने वाली युवतियों को फंसाकर यौन शोषण करने के आरोपी बाबा सच्चितानंद के सामने पेश करने की आरोपी उसकी शिष्या कमलाबाई उर्फ प्रियंका श्रीवास्तव चार साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ी थी.कमलाबाई को एसटीएफ ने लखनऊ के काकोरी इलाके से 25 जुलाई, 2021 को गिरफ्तार किया था. कमलाबाई का असली नाम प्रियंका श्रीवास्तव है और उसपर चार मुकदमे दर्ज थे. बस्ती पुलिस ने 50 हजार रुपये का ईनाम भी घोषित कर रखा था इस मामले में एक आरोपित प्रमिला बाई अब भी फरार चल रही थी.
युवतियों को फंसाती थी कमलाबाई
कमलाबाई उर्फ प्रियंका श्रीवास्तव बस्ती के संत कुटीर आश्रम में सत्संग के दौरान आई युवतियों को फंसाती थी और मुख्य आरोपी कथित बाबा सच्चितानंद उन्हें बंधक बनाकर उनका यौन शोषण व दुष्कर्म करता था.
ऐसे खुली थी बाबा की हकीकत
गौरतलब है कि, बस्ती जिले के अमहट पुल के पास बने संत कुटीर आश्रम में यौन शोषण का मामला तब सामने आया था जब 2017 में झारखंड की रहने वाली दो युवतियों को आश्रम से धक्के मारकर निकाल दिया गया था, युवती किसी तरह से बचते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर वहां आश्रम की असलियत बताई थी. तत्कालीन कोतवाल विजयेंद्र सिंह महिला पुलिस के साथ पहुंचे और पीड़ितों को बयान के लिए कोतवाली ले गए. तत्कालीन एसपी संकल्प शर्मा के निर्देश पर देर रात कथित बाबा के अलावा उसके तीन शिष्यों परमचेतानंद, विश्वासानंद, ज्ञान वैराग्यानंद तथा दो मुख्य सेविकाओं पर 2008 से लगातार यौन शोषण व सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया.
पीड़ित महिलाओं का आरोप था कि सत्संग व प्रवचन के नाम पर महिलाओं और कम उम्र की लड़कियों को आश्रम में बुलाया जाता था. उनमें से कुछ लड़कियों को साध्वी का दर्जा देकर आश्रम में रख लिया जाता था. उन्हें अनुष्ठान के जरिए विशेष कृपा दिलाने का दिलासा देते थे. उनका विश्वास जीतने के बाद दिल्ली स्थित आश्रम के मुख्यालय अथवा यहां के कथित बाबा व चेलों के निर्देश पर अलग-अलग शहरों में प्रवचन- सत्संग के बहाने भेजकर उनका यौन शोषण किया जाता था.
युवतियों के आरोप पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आश्रम के कथित संत सच्चितानंद उर्फ दयानंद, कमला बाई उर्फ प्रियंका और प्रमिला बाई के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था. आरोप था कि 2008 से ही दो मुख्य सेविकाएं आश्रम में अनैतिक कार्य करवा रही हैं. इसके बाद 26 दिसंबर 2018 को एक और साध्वी की तहरीर पर आइपीसी की धारा 376, 342, 506, 34 व 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.
बलात्कारी बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद के गुर्गों के ऊपर मुकदमा हुआ दर्ज.