
बस्ती (उत्तर प्रदेश). ‘निपुण प्रदेश का सपना, सब बच्चे समझें भाषा और गणना’ विषय पर मण्डल स्तरीय कार्यशाला भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में आयोजित की गयी. जिसका उद्घाटन मण्डलायुक्त गोविन्द राजू एन0एस0 ने दीप प्रज्जवलित कर तथा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया.
अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि मण्डलायुक्त ने कहा कि प्रत्येक छात्र-छात्रा में शारीरिक एवं मानसिक क्षमता अलग-अलग होती है. शिक्षकों को उनकी क्षमता के अनुसार शिक्षा प्रदान करना चाहिए. बच्चे मातृ भाषा में जल्दी सीखते हैं. सभी शिक्षक सुनिश्चित करें कि सभी छात्र-छात्राओं को उचित समय पर उन्हें आगे बढ़ने का अवसर मिले. प्रत्येक शिक्षक का कक्षा में व्यवहार अनुशासित होना चाहिए. बच्चे मां-बाप से बढ़कर अध्यापक की सुनते हैं तथा उन्हें सम्मान भी देते हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विद्यालयों को सभी प्रकार की सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं. उन्होंने सीडीओ को निर्देशित किया कि सभी विद्यालयों में बाउण्ड्रीवाल तथा दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध करायें. प्रत्येक विद्यालय में किचन गार्डेन तैयार कराया जाए तथा अध्यापकों द्वारा छात्र-छात्राओं को प्रत्येक पौधे के गुण के बारे में जानकारी दी जाए ताकि छात्र-छात्राएं पर्यावरण के प्रति जागरूक हो सकें.
जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन ने कहा कि जनपद के हर्रैया ब्लाक को निपुण ब्लाक बनाया जायेगा. इसके लिए वहां के ब्लाक शिक्षा अधिकारी अभी से तैयारी शुरू कर दें. किसी प्रकार की समस्या तत्काल उनके संज्ञान में लायें. उन्होंने सभी शिक्षकों का आवाहन किया कि प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाला छात्र उस परिवार का एकमात्र आशा का केन्द्र होता है. उसको परिवार या कहीं और से ज्ञान नहीं प्राप्त होता है इसलिए शिक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि वह बच्चों को समग्र शिक्षा प्रदान करें.
लखनऊ परियोजना निदेशालय से आये गुणवत्ता विशेषज्ञ आनन्द पाण्डेय ने बताया कि स्कूलों में स्थानीय स्तर पर शिक्षण संसाधन उपलब्ध कराने के लिए बजट दिया जायेगा. सभी ए0आर0पी0 और एस0आर0जी0 सुनिश्चित करें कि विद्यालय में छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों की शतप्रतिशत उपस्थित हो. वे विद्यालय का निरीक्षण नहीं सुपरवीजन करें और वहां की कमियों को दूर करायें. एन0सी0ई0आर0टी0 की किताबें उपलब्ध करायी गयी हैं, इसका उपयोग किया जाए. दूरदर्शन पर एक घंटा पढ़ाई की जा रही है, घर पर बच्चे इसका उपयोग कर सकते हैं. छात्र-छात्राओं को विद्यालय में स्वतंत्र एवं भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराया जाए. बच्चों के साथ शिक्षकों का आत्मीय सम्बन्ध हो. अच्छे विज्ञान मॉडल को प्रदेश स्तर पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया जायेगा.
लखनऊ से आये परियोजना प्रबन्धक, कायाकल्प, एस0के0 तिवारी ने बताया कि जून 2018 से माननीय मुख्यमंत्री द्वारा प्रारम्भ किया गया और अब तक लगभग सात हजार करोड़ रूपये आपरेशन कायाकल्प पर व्यय किया जा चुका है. पिछले पांच वर्षों में प्राथमिक विद्यालय के भवन में काफी सुधार आया है. उन्होंने एडीओ पंचायत को निर्देशित किया है कि उनके द्वारा विद्यालय के कायाकल्प पर व्यय की गयी धनराशि का ब्यौरा डीपीआरओ के माध्यम से उपलब्ध करायें. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा कायाकल्प विद्यांजलि पोर्टल बनाया गया है जिस पर कोई भी व्यक्ति विद्यालय को विशेष रूप से जहां से वह पढ़ा है, को अपना अंशदान दे सकता है. उन्होंने ‘मेरा विद्यालय, स्वच्छ विद्यालय’ अभियान संचालित करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि दिव्यांग शौचालय निर्धारित डिजाइन के अनुसार ही बनाया जाए.
कार्यशाला का संचालन राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक डॉ0 सर्वेश्ट मिश्रा ने किया. उपनिदेशक बेसिक शिक्षा सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि महानिदेशक विजय किरन आनन्द के निर्देश पर मण्डल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है ताकि ब्लाक, जिला एवं प्रदेश को निपुण बनाया जा सके. इस अवसर पर सीडीओ डॉ0 राजेश कुमार प्रजापति, जयेन्द्र कुमार, अतुल मिश्रा, मण्डल के तीनों जिले के बीडीओ, बेसिक शिक्षा अधिकारी, डीपीआरओ, ब्लाक शिक्षा अधिकारी, डायट के प्राचार्य, ए0आर0पी0, एस0आर0जी ने प्रतिभाग किया.
मण्डल स्तरीय कार्यशाला भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में हुई आयोजित