अहमदाबाद. भारत ने शनिवार को अपने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को 117 गेंद शेष रहते सात विकेट से हराकर आईसीसी एक दिवसीय विश्व कप की अंकतालिका में शीर्ष स्थान पर कब्जा जमाया. दुनिया के विशालतम क्रिकेट स्टेडियम में हिलोरें मार रहे दर्शकों के नीले समंदर के बीच पाकिस्तान के बल्लेबाजों ने शुरुआती संघर्ष के बाद भारत के गेंदबाजी आक्रमण के समक्ष हथियार डाल दिये और पूरी टीम 42.5 ओवर में 191 रन बना कर पवेलियन लौट गयी. बाद में लक्ष्य का पीछा करने उतरे कप्तान रोहित शर्मा (86) ने चौके छक्कों की बौछार कर पाकिस्तानी गेंदबाजों का बैंड बजा दिया जिसके चलते भारत ने विजय लक्ष्य को 30.3 ओवर में ही तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया. शाहीन शाह अफरीदी ने 36 रन देकर दो विकेट हासिल किये जबकि हसन अली को विराट का विकेट मिला.
इस जीत के साथ भारत न्यूजीलैंड को पछाड़ कर अंकतालिका के शीर्ष पर पहुंच गया है. विश्व कप के इतिहास में भारत की यह आठवीं जीत है जबकि पाकिस्तान के हाथ अब तक सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है. भारत पाकिस्तान के इस मुकाबले में दोनो ही टीमों पर जबरदस्त मनोवैज्ञानिक दवाब था जिससे पार पाने में रोहित एंड कंपनी सफल रही. जसप्रीत बुमराह,मोहम्मद सिराज,कुलदीप यादव,हार्दिक पांड्या और रविन्द्र जडेजा ने सही लाइन लेंथ पर गेंदबाजी कर पाकिस्तान को 191 रन के मामूली स्कोर पर सीमित कर दिया. बाद में बल्लेबाजों ने विश्व कप के लिये उपयोगी स्ट्राइक रेट काे ध्यान में रखते हुये आक्रामक बल्लेबाजी की और जीत को बेहद आसान बना दिया. रोहित शर्मा पूरी लय में नजर आये और मात्र 63 गेंदो की पारी में छह चौके और छह आसमानी छक्के जड़े. विराट कोहली (16) हालांकि मन मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके मगर संक्षिप्त पारी में उन्होने तीन बार गेंद को सीमारेखा के पार पहुंचा कर दर्शकों का मनोरंजन किया. बीमारी से उबर कर क्रीज पर आये शुभमन गिल (16) ने दौड़ भाग करने के बजाय बाउंड्री से ही काम चलाया. श्रेयस अय्यर (53) भी कप्तान के साथ खुल कर खेले. वह अंत तक आउट नहीं हुये.
गेंदो के लिहाज से भारत की पाकिस्तान के खिलाफ यह सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले 1992 में भारत ने पाक को 43 रन से हराया था जबकि 1996 में क्वार्टर फाइनल में पाक को 39 रन से हार का सामना करना पडा था. 1999 में मैनचेस्टर में 228 रन का पीछा करते हुये पाकिस्तान 45.3 ओवर में 180 रन पर ढेर हो गया था. 2003 में भारत ने 274 रन का लक्ष्य हासिल कर जीत दर्ज की थी. 2011 में मोहाली में पाक को 29 रन और 2015 में 76 रन से हार का सामना करना पड़ा था. 2019 में भारत ने पाकिस्तान को 89 रन से हराया था.
इससे पहले पाकिस्तान एक समय तीन विकेट पर 155 रन बना कर चुनौतीपूर्ण स्कोर की ओर अग्रसर था. पाकिस्तानी की बल्लेबाजी को देख कर लग रहा था कि टीम 280 से 330 रन तक बनाने में सफल हो जायेगी मगर बाबर आजम के आउट होने के बाद विकेटों का पतन शुरू हो गया और आखिरी सात खिलाड़ी टीम के स्कोर में मात्र 36 रन जोड़ कर पवेलियन लौट गये. शुरु में खर्चीले नजर आ रहे मोहम्मद सिराज ने आठवें ओवर में अब्दुल्ला शफीक को आउट कर पहला झटका दिया जबकि इमाम उल हक हार्दिक पंडया की गेंद पर विकेट के पीछे लपके गये. दोनो के आउट होने के बाद मोहम्मद रिजवान (49) ने कप्तान बाबर आजम (50) के साथ को पारी को आगे बढाया. इस बीच भारतीयों की अपील पर अंपायरों ने रिजवान और फिर बाबर को आउट करार दिया मगर डीआरएस ने दोनो को नाट आउट करार दिया.
रिजवान और बाबर की साझीदारी को तोड़ने के लिये कप्तान रोहित शर्मा ने गेंदबाजों को बदलने के प्रयोग किये और आखिरकार बाबर उनके जाल में फंस गये जब सिराज की गेंद पाकिस्तानी कप्तान की गिल्लियों को उड़ा ले गयी. बाबर के आउट होते ही भारतीय गेंदबाजी आक्रमण और पैना हो गया. नतीजन,सउद शकील (6) और इफ्तिखार अहमद (4) के तौर पर भारत को दो और सफलतायें मिली. दोनो को कुलदीप यादव ने अपने एक ही ओवर में निपटाया. एक सिरे पर विकेटों के पतन से बौखलाये रिजवान का आत्मविश्वास डगमगा गया जिसका फायदा उठाते हुये बुमराह ने उनको क्लीन बोल्ड आउट कर दिया. बुमराह ने अपने अगले ही ओवर में आलराउंडर शादाब खान (2) का भी पुलिंदा बांध दिया. मोहम्मद नवाज (4) पंड्या के दूसरे शिकार बने जबकि रविंद्र जडेजा के हाथ हसन अली (12) और हारिस रउफ (2) के विकेट लगे.