Tuesday , 21 March 2023
ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत करने को लेकर जयपुर में जाट महाकुंभ का आयोजन, उमड़े लोग

ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत करने को लेकर जयपुर में जाट महाकुंभ का आयोजन, उमड़े लोग

जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर में जाट महाकुंभ का आयोजन हुआ जिसमें जातिगत जनगणना और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण केन्द्र एवं अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी 27 प्रतिशत करने एवं सरकार में समाज के जनप्रतिनिधियों की भागीदारी बढ़ाने एवं जाट मुख्यमंत्री की मांग करते हुए समाज को सशक्त करने, शिक्षा को बढ़ावा देने एवं कुरोतियों को त्यागने एवं एकजुट रहने के साथ अन्य समाजों को साथ लेकर चलने का आह्वान किया गया.
विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित जाट महाकुंभ में समाज से लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राज्य में कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया, राजस्व मंत्री राम लाल जाट, केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी तथा कई सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हैं. इसी तरह महाकुंभ में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, अखिल भारतीय जाट महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह चौधरी, जाट महाकुंभ के संरक्षक विजय पूनियां एवं राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील सहित समाज के बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की.
महाकुंभ को संबोधित करते हुए श्री राजाराम मील ने कहा किजातिगत जनगणना की जरुरत बताते हुए कहा कि इसके बिना समाज को आगे बढ़ने में समस्या आ रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ओबीसी आरक्षण केन्द्र एवं अन्य राज्यों की तरह 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकारों ने समाज को कम आंकने लगने के बाद जाट महाकुंभ करना पड़ा है.
श्री मील ने विद्याधर नगर में समाज को जमीन आवंटन की मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार ने समाज को जमीन का आवंटन नहीं किया तो उस पर हमारा कब्जा होगा. उन्होंने कहा कि सरकार में समाज के लोगों की भागीदारी कम है और महाकुंभ से एक संदेश जायेगा जिससे सरकारों का ध्यान इस ओर खींचेगा. उन्होंने राज्य सरकार द्वारा तेजा बोर्ड का गठन करने पर सरकार का धन्यवाद किया.
डा सतीश पूनियां ने कहा कि जो जाट परिश्रम, ईमानदारी, देशभक्ति के लिए जाना जाता था, यह हमारा चरित्र और हमारी ताकत भी है. इसलिए छत्तीस कौम जो पंचायती राज चुनावाों में पीछे खड़ी होती थी, उसमें फूट पैदा करने की कोशिश हुई है. आज लड़ाई लठ की नहीं है, लड़ाई बुद्धि और कौशल की है. समय की नजाकत को समझने और बुद्धि कौशलता की जरुरत है.

ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत करने को लेकर जयपुर में जाट महाकुंभ का आयोजन, उमड़े लोग