रांची. झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि पलामू जिला अंतर्गत पलामू पाईपलाईन सिंचाई योजना का शिलान्यास हो रहा है और यह एक महत्वपूर्ण योजना है. श्री सोरेन ने आज पलामू जिला स्थित शिवाजी मैदान डाल्टेनगंज में आयोजित “पलामू पाईपलाईन सिंचाई योजना” का शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना के पूरा होने से पूरे पलामू प्रमंडल क्षेत्र के छोटे-बड़े किसान लाभान्वित होंगे. पलामू अक्सर सुखाड़ के चपेट में रहता है. समय पर वर्षा नही होने के कारण अथवा कम वारिश के कारण सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न होती रही है. हमारी सरकार की सोच है कि पलामू पूर्ण रूप से हरा-भरा रहे इस निमित्त आज एक ऐतिहासिक सिंचाई योजना “पलामू पाईपलाईन सिंचाई योजना” का शिलान्यास हुआ है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश-दुनिया जब तेज गति से प्रगति कर रहा है. आधुनिक युग में पहुंच गया है तो हमारा झारखंड क्यों पीछे रहेगा? हम यहां के किसानों के खेत-खलिहान में 12 महीना पानी पहुंचाएंगे इस संकल्प के साथ हमारी सरकार कार्य कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की सोच को हमारी सरकार आगे बढ़ा रही है. आज पलामू की धरती पर इस सिंचाई योजना का शिलान्यास होने से यहां के छोटे-बड़े डैम, चेक डैम, तालाब, आहर सहित विभिन्न जलाशयों में सिंचाई हेतु जल का संग्रह किया जा सकेगा. पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के सोच के अनुरूप सभी योजनाओं को हम धरातल पर उतरने का हर संभव प्रयास करेंगे.
श्री सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार के गठन के चंद दिनों में ही कोरोना संक्रमण की विकट स्थिति उत्पन्न हुई. कोविड-19 का प्रभाव इतना भयावह था कि देश और दुनिया में पूर्ण रूपेण लॉकडाउन लग गया. कोरोना संक्रमण से डर का माहौल बना. ऐसी विपरीत परिस्थिति में भी पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने झारखंड में कोरोना संक्रमण मैनेजमेंट को लेकर इतना बेहतर कार्य किया कि बिना कोई अपरा-तफरी के एक-एक व्यक्ति तक हर सुविधा उपलब्ध कराई. राज्य में कोई एक व्यक्ति भी भूखा नही सोया. मेडिकल अस्पतालों में कम संसाधनों के बावजूद बेहतर चिकित्सा सुविधा राज्य सरकार ने उपलब्ध कराया. हमारे प्रवासी मजदूरों को विभिन्न माध्यमों से घर वापस लाने का काम हमारी सरकार ने कर दिखाया. वैसे मजदूर जो लूंगी और हवाई चप्पल पहनकर कार्य करते हैं उन्हें भी हवाई जहाज से वापस झारखंड लाने का कार्य कर दिखाया. कोरोना संक्रमण से पहले हमारे मेडिकल अस्पतालों में न ही ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और न ही उतनी बड़ी संख्या में बेड उपलब्ध थे. पूर्ववर्ती सरकारों ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर किसी प्रकार का कोई काम नहीं किया. परंतु हमारी सरकार ने उस स्थिति में भी वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, बेड सहित कई सुविधाओं में बेहतरीन कार्य करके दिखाया और झारखंड वासियों की जीवन रक्षा करने का कार्य किया.