– डबोक में भी दिखा बंद का असर, चाय-पानी को लोग तरसे
– चित्तौडग़ढ़ सांसद जोशी ने कहा, आवंटन होगा निरस्त
– कलेक्टर ने संयुक्त शासन सचिव को लिखा अनुशंसा पत्र
– प्रशासन ने एहतियातन तैनात किए थे 100 से ज्यादा जवानों का अतिरिक्त जाब्ता तैनात
उदयपुर. जिले के मावली कस्बे में आवंटित मदरसे की जमीन निरस्त करवाने की मांग पर सोमवार को आमजन का आक्रोश फूट पड़ा. सर्व समाज के आह्वान पर बंद के तहत स्थिति यह थी कि एक भी दुकान खुली नहीं दिखी. डबोक में भी बंद का असर देखने को मिला. लोग चाय-पानी तक को तरस गए. इस दौरान सर्व समाज सुबह 10 बजे पुराना बस स्टैंड पर जुटा, जहां से रैली के रूप में मुख्य चौराहा होते हुए उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां एडीएम को ज्ञापन सौंपा गया. इससे पूर्व चित्तौडग़ढ़ सांसद सीपी जोशी ने कहा कि मदरसे को आवंटित जमीन को निस्त कराने के लिए हर वर्ग कृत संकल्पित है. वहीं दूसरी ओर जिला कलेक्टर ने संयुक्त शासन सचिव को मावली उपखंड अधिकारी से मिली रिपोर्ट के आधार पर पत्र भेजकर आवंटन निरस्त कराने की अनुशंसा की है. रैली में मावली उपखंड मुख्यालय सहित फतहनगर, खेमली, घासा, पलानाकलां, डबोक सहित पूरी तहसील के गांव-कस्बों से सर्व समाज के लोग पहुंचे. रैली को लेकर 100 जवानों का अतिरिक्त जाब्ता लगाया गया था.
एसडीएम ने मदरसे के लिए आवंटित जमीन की तहसीलदार, थानाधिकारी मावली व मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारी से जांच करवाई थी. इसके बाद कलेक्टर को पत्र भेजकर मदरसे के लिए आवंटित जमीन को निरस्त करवाने की अनुशंसा की थी. पत्र में बताया कि मावली में आराजी संख्या 5330 / 1745 व आराजी संख्या 5331 / 1745 के तहत 4 बीघा 16 बिस्वा में से 0.0700 हेक्टेयर जमीन मदरसा को आवंटित हुई थी. आवंटित जमीन जलभराव क्षेत्र मैं होने से अब्दुल रहमान प्रकरण से प्रभावित है. जमीन का निरीक्षण करने पर यह सामने आया था कि यह जमीन पड़त होकर गड्डेनुमा है. इसमें आधे भाग में पानी भरा हुआ है. पानी भरा होने से यह जमीन सुप्रीम कोर्ट के अब्दुल रहमान प्रकरण से प्रभावित है. मदरसा के लिए यह जमीन पिछली कांग्रेस सरकार में वर्ष 2021 में आवंटित हुई थी. आवंटित जमीन गांव मावली के गायत्रीनगर में है, यह क्षेत्र हिंदू बहुल है तथा आवंटित जमीन के सामने हिंदू समाज का श्मशान है. आवंटित जमीन दो भागों में विभाजित है. इसके बीच से हाईटेंशन लाइन निकल रही है. इससे जनहानि का अंदेशा भी है.
मातृशक्ति भी नहीं रही पीछे :
इस दौरान निकाली गई रैली में मातृशक्ति भी पीछे नहीं रही. वे भी हाथों में भगवा झंडे लेकर नारेबाजी करती पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाते चल रही थी. रैली में सांसद सीपी जोशी, वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, विधायक प्रत्याशी रहे कृष्णगोपाल पालीवाल, विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्रसिंह राव, फतहनगर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष राजेश चपलोत, आकाश वागरेचा, भाजापा देहात जिला अध्यक्ष चंद्रगुप्तसिंह चौहान, संपत सामोता, जीवनसिंह, निखिल खंडेलवाल, निर्मल लोढ़ा आदि शामिल थे. पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कस्बे को छावनी में तब्दील कर दिया. पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता मावली कस्बे में चप्पे चप्पे पर तैनात रहा. एएसपी अंजना सुखवाल, मावली थानाधिकारी रमेश कविया, डबोक थानाधिकारी चंद्रशेखर किलानिया, कुराबड़ थानाधिकारी चैलसिंह सहित अन्य जाब्ता पुराने बस स्टैंड से लेकर तहसील कार्यालय पर तैनात रहा. बंद को लेकर सरकारी और निजी स्कूलों में छुट्टी कर दी गई थी. मावली नहीं बल्कि आसपास के गांव के विद्यालयों में भी छुट्टी की घोषणा की गई. दोपहर तक बड़ी तादाद में लोग मावली पहुंचे जहां मदरसे की जमीन को निरस्त करने के लिए जोरदार प्रदर्शन किया गया और फिर एडीएम प्रशासन दीपेंद्रसिंह राठौड़ को ज्ञापन देकर अपनी मांग से भी अवगत कराया. इससे पहले तहसील कार्यालय के बाहर आयोजित सभा को जनप्रतिनिधियों के अलावा संत समाज ने भी संबोधित किया. प्रदर्शन के दौरान समस्त हिंदू समाज से लोग भगवे झंडे लेकर मावली की सडक़ों पर विरोध करते हुए नजर आए.