Friday , 24 March 2023

दिल्ली में स्कूल कैब चालकों की हड़ताल, 35 हजार ने लगाए ब्रेक; 6 लाख बच्चों को होगी दिक्कत

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में सोमवार को स्कूल कैब पूरी तरह से बंद रहेंगी. इसके चलते करीब छह लाख बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी होगी. परिवहन विभाग की ओर से चलाए जा रहे जांच अभियान के खिलाफ सोमवार को दिल्ली के करीब 35 हजार कैब चालक हड़ताल पर रहेंगे. स्कूल ट्रांसपोर्ट एकता यूनियन के आह्वान पर सभी चालक हड़ताल में शामिल हो रहे हैं.

वहीं, यूनियन ने दिल्ली के कुछ इलाकों में प्रदर्शन करने का ऐलान भी किया है, जिससे कुछ जगहों पर जाम की स्थिति बन सकती है. हड़ताल आगे बढ़ाने को लेकर भी फैसला संभव यूनियन के पदाधिकारियों को कहना है कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो सोमवार शाम को बैठक कर हड़ताल को आगे बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा. उधर, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि भारतीय किसान यूनियन हड़ताल का समर्थन करती है. दिल्ली सरकार उन्हें अकेला समझने की कोशिश न करे. यूनियन का आरोप है कि बीते दो हफ्ते से परिवहन विभाग स्कूली कैब को लेकर अभियान चला रहा है.

700 से अधिक कैब सीज 

700 से अधिक कैब को सीज किया जा चुका है, जिससे कैब चालकों को उसे छुड़ाने में मोटी रकम खर्च करनी पड़ी है. दरअसल राजधानी में करीब 50 फीसदी से अधिक स्कूली कैब गैर व्यावसायिक हैं, जिन्हें लेकर परिवहन विभाग का कहना है कि अगर कोई हादसा हो जाता है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा. कैब में निर्धारित सीटों से ज्यादा बच्चों को बैठाया जा रहा है, जिसके चलते अभियान चलाया जा रहा है.

उधर, यूनियन के अध्यक्ष रामचंद्र का कहना है कि बीते पांच साल से स्पीड गवर्नेंस से जुड़ी नियमों के चलते परिवहन विभाग ने व्यावसायिक श्रेणी में स्कूल कैब में किसी वाहन की खरीद नहीं होने दी है. हमारी ओर से जब यह मुद्दा उठाया गया तो उन्होंने कहा कि निजी कैब को व्यावसायिक श्रेणी में परिवर्तित करने का मौका दिया जाएगा, लेकिन अब मौका दिए बिना ही स्कूल कैब को जबरन सीज किया जा रहा है. इसलिए सोमवार से हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है.

स्कूल पहुंचाने के लिए निकालना पड़ेगा समय

कैब चालकों की हड़ताल के बीच अभिभावकों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है. राजधानी में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं, जिनके मां और पिता दोनों नौकरी करते हैं. बच्चों को स्कूल भेजने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए वे स्कूल कैब लगाते हैं. लेकिन अब हड़ताल के चलते उन्हें समय निकालकर बच्चों को स्कूल तक छोड़ना पड़ेगा. साथ ही लेने के लिए भी जाना होगा. संभव है कि कार्यालय से छुट्टी भी लेनी पड़े.

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