Sunday , 2 April 2023

स्वामी प्रसाद मौर्य ने संघ प्रमुख भागवत को दी चुनौती, कहा – साहस है तो ‘मनुस्मृति’ पर लगवाएं प्रतिबंध

लखनऊ. समाजवादी पार्टी (सपा) के विधान परिषद सदस्य और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने वर्ण और जाति की अवधारणाओं को पूरी तरह से त्यागने के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के हाल के बयान की सराहना की है साथ ही उन्होंने चुनौती दी कि अगर भागवत में साहस है तो वह जातिवाद का जहर घोलने वाली पुस्तक ‘मनुस्मृति’ पर प्रतिबंध लगवाएं.
उन्होंने आरएसएस प्रमुख को यह चुनौती दी कि “अगर उनमें हिम्मत हो तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहकर जातिवाद का जहर घोलने वाली पुस्तक ‘मनुस्मृति’ पर प्रतिबंध लगवाएं.”
गौरतलब है कि भागवत ने शुक्रवार को नागपुर में एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में कहा था कि वर्ण और जाति जैसी अवधारणाओं को पूरी तरह से त्याग दिया जाना चाहिए, क्योंकि अब इनकी कोई प्रासंगिकता नहीं है. संघ प्रमुख ने यह भी कहा था कि अपने पूर्वजों द्वारा की गई गलतियों को स्वीकार करने और उनके लिए माफी मांगने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए.
आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के भी वरिष्ठ नेता रह चुके हैं. इस पार्टी की मुखिया मायावती ‘मनुस्मृति’ की मुखर आलोचक हैं. मौर्य ने प्रधानमंत्री मोदी पर पिछड़ों को प्राप्त आरक्षण को खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा, “प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर और अन्य कर्मचारियों की भर्ती में एक भी पिछड़े या दलित व्यक्ति को नौकरी नहीं दी गई. सरकार आरक्षण खत्म कर संविदा की नौकरी के नाम पर नौजवानों का शोषण करवाकर बिचौलियों को फायदा पहुंचा रही है.”

स्वामी प्रसाद मौर्य ने संघ प्रमुख भागवत को दी चुनौती, कहा – साहस है तो ‘मनुस्मृति’ पर लगवाएं प्रतिबंध