देहरादून. उत्तराखंड के नैनीताल जिले के उपद्रवग्रस्त वनभूलपुरा क्षेत्र में शनिवार को तनावपूर्ण शान्ति रही. उपद्रवग्रस्त क्षेत्र को छोड़कर अन्य निकटवर्ती क्षेत्रों में आज कर्फ्यू में प्रशासन ने कुछ नरमी बरती. राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से प्रभावित क्षेत्र के लिए अतिरिक्त केंद्रीय बल की मांग की है. उच्च प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि हल्द्वानी में स्थिति सामान्य है. थाना बनभूलपुरा और उसके निकटवर्ती क्षेत्रों को छोड़कर, अन्य क्षेत्रों में लोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए कर्फ्यू में नरमी बरती गई है. जिला प्रशासन द्वारा लोगों को दूध, राशन, दवाइयां आदि आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शनिवार को तीसरे दिन भी शहर सामान्य रूप में आने की राह देख रहा है. प्रशासन ने बनभूलपुरा क्षेत्र में सख्ती की गई है. ड्रोन से गश्त बढ़ाई गई है और अपराधियों की तलाश जारी है.
बनभूलपुरा हिंसा के बाद क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. वहीं हल्द्वानी शहर में भी सन्नाटा है. बाहरी हल्द्वानी में कर्फ्यू में कुछ राहत है लेकिन आम लोग समस्या का सामना कर रहे हैं. स्कूल-कॉलेज बंद, राशन की दुकान बंद हैं. युवाओं का कहना है इतनी हिंसा कभी नहीं देखी है. अतिक्रमण पर करवाई पूरे हल्द्वानी में पहले से चल रही है, लेकिन यहां कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ.
हल्द्वानी में इंटरनेट भी ठप है. धीरे-धीरे कुछ जगहों पर इंटरनेट सेवाएं बहाल हो रही हैं तथा हल्द्वानी शहर के मार्किट और सड़कों पर सन्नाटा पसरा है. नैनीताल बरेली हाईवे को खोले जाने से गाड़ियों का आवागमन शुरू हुआ है, लेकिन हल्द्वानी के लोग अब भी अमन चैन की राह देख रहे हैं.
शनिवार को दंगों की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं, इसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड के चर्चित आईएएस अफसर दीपक रावत को दी गई है, जो कि इस वक्त कुमाऊं कमिश्नर हैं. इस हिंसा के संबंध में अब तक तीन केस दर्ज किए गए हैं जबकि पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.