
बस्ती (उत्तर प्रदेश):- बेबाक, निष्पक्ष, निडर पत्रकारिता के पर्याय बन चुके पत्रकार अब्बास खान अब जनता के हक की लड़ाई का अमली जामा पहनाने के लिए मैदान में उतर चुके है. लोगों में चर्चा है कि नगर पंचायत गनेशपुर के वार्ड नंबर 07 अटल नगर से चुनाव में ताल ठोकने वाले अब्बास खान की जीत लगभग तय है, अपनी उज्जवल सामाजिक छवि की बदौलत लोगों का भरपूर और सहयोग मिल रहा है, कोई भी प्रत्याशी इन के आगे कहीं नहीं टिकता.
बात करें अगर सामाजिक कार्यों की तो अब्बास खान समाज के अंतिम छोर पर खड़े असहाय व्यक्ति की बात करने वालों में शुमार होते हैं.
इनकी कुछ खास वजहों पर नजर डाल लेते हैं
1,गनेशपुर ग्राम पंचायत के समय में गनेशपुर में पानी की सप्लाई के लिए पाइप बिछाने का कार्य जल निगम के द्वारा किया गया जिसमें सड़क को खोद कर रिपेयरिंग के पैसे को ठेकेदार ने दबा लिया, कस्बे की सड़क की दुर्दशा को देखते हुए अब्बास खान ने संघर्ष शुरू किया. संबंधित विभाग और उच्चाधिकारियों के नाक में दम करने पर विभाग ने पत्र के माध्यम से अब्बास खान को अवगत कराया और कुबूल किया कि सड़क रिपेयरिंग का पैसा विभाग के पास रखा हुआ है जिससे तत्काल गनेशपुर कस्बे की सड़क का मरम्मत शुरू हुआ.
2,लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई थी कि गनेशपुर कस्बे में स्थानीय लोगों को आवागमन में सुविधा तो हो गई लेकिन अन्य इलाकों से आने वाले लोगों का आवागमन अभी भी बंद था जिससे स्थानीय दुकानदारों/ ब्यवसाइयों की रोजी रोटी जुड़ी हुई थी.
एक बार फिर अब्बास खान की अगुवाई में लोगों ने आंदोलन छेड़ दिया. सड़क में धान रोपाई करके, जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करके प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से सड़क निर्माण की मांग की लेकिन सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा. मजबूर होकर अब्बास खान की अगुवाई में लोगों ने किसी भी नेता को गनेशपुर कस्बे में घुसने से रोक दिया चुनाव का बहिष्कार करने की धमकी के साथ ही एक वृहद आंदोलन शुरू कर दिया. राजनैतिक और प्रशासनिक हल्कों में खलबली शुरू हुई और यहीं पर अब्बास खान का प्रयास रंग लाया. अंततः सीएसआर योजना के तहत गनेशपुर कस्बे की सड़क के निर्माण का रास्ता साफ हुआ.
3,कोरोना की जब भी बात होती है तो लोगों के जहन में तंगहाली, भूख, जैसी आपदा गूंज है, कोरोना काल में जब बड़े बड़े नेता अपने घरों में खौफ से कैद थे अब्बास खान नाम का ये कोरोना योद्धा अपनी जान की परवाह ना करते हुए लोगों की मदद कर रहा था, जरूरतमंदों को निःशुल्क राशन पहुंचा रहा था, गरीबों के घरों पर निःशुल्क सब्जी आदि पहुंचा रहा था.
पूरे क्षेत्र में ये मानवता का सिलसिला पूरे कोरोना काल तक चलता रहा. कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी में अपने परिवार की फिक्र ना करते हुए दिनरात लोगों की मदद करने में लगे रहे. कहते हैं कि ईश्वर भी उनका ही साथ देता है जो लोगों का साथ देता है, अपनी निःस्वार्थ सामाजिक छवि से अब्बास खान ने लोगों के दिलो में जगह बना ली.
निष्पक्ष, निडर छवि
बात करें अगर पत्रकारिता के क्षेत्र में इनकी उपलब्धियों की तो गिनाना मुश्किल हो जायेगा लेकिन गनेशपुर में जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा हुई तो वो है, चौकी प्रभारी गणेशपुर, एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल के निलंबन की.मंझरिया क्षेत्र की रहने वाली एक किशोरी अपने साथ हुए ज्यादती की शिकायत लेकर चौकी पर गई लेकिन क्षेत्र के कुछ प्रभावशाली लोगों के दबाव में पुलिस ने किशोरी से जबरन सुलह करवा दिया. पुलिस के इस रवैए से क्षुब्ध होकर किशोरी ने आत्महत्या कर ली. अब्बास खान ने इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया जिसके बाद बस्ती एसपी ने उक्त पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.
अब्बास खान द्वारा समाज में किए जा रहे सभी कार्यों का वर्णन करना मुमकिन नहीं है. आज भी वो समाज की तरक्की और भलाई के प्रयास में लगे हुए हैं.
फिलहाल अब्बास खान नगर पंचायत गनेशपुर वार्ड नंबर 07 अटल नगर से सभासद का चुनाव लड़ रहे हैं. जनता की तरक्की में इस्तेमाल होने वाले पैसों को लूट लेने की नियत से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों में खलबली मच गई है. फिलहाल जनता साफ छवि वाले, लोगों के हक की बात करने वाले अब्बास खान का खुल कर सपोर्ट कर रही है, और उनकी जीत तय मानी जा रही है.
कलम का सिपाही, जनता के हक की लड़ाई के लिए ठोंकी ताल