Friday , 24 March 2023

किसानों की समस्याओं को लेकर भाकियू के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी बस्ती को दिया ज्ञापन।

उत्तर प्रदेश, बस्ती:-भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर 11 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन दिया जिनमें उन्होंने बताया कि वे पिछले 38 सालों से देश – दुनिया के खेती किसानी के मुद्दों पर आन्दोलन करते आ रहे है. मौजूदा समय में प्रदेश के विकास का केन्द्र कृषि ही है और यह किसी भी कृषि प्रधान देश प्रदेश के लिए गर्व की बात होती है , लेकिन मौजूदा समय में खेती किसान के लिए घाटे का सौदा साबित होती जा रही है. खेती में आय बढ़ने की जगह खर्च लगातार बढ़ता ही जा रहा है. जिसे वहन करने की क्षमता अब किसान की नहीं रही. परिवार के पालन – पोषण से लेकर बच्चों की शिक्षा पर इसका बुरा असर पड़ा रहा है सही सरकारी नीतियों को लागू न कर पाने से वह खुद को असहज महसूस कर रहा है . किसान यूनियन के पूर्वांचल महासचिव आरपी चौधरी ने कहा कि हम लोगों का 11 सूत्रीय मांग इस प्रकार है जिसको सरकार को मानना चाहिए हैं
१-शुगर अमेंडमेंट एक्ट में गन्ने का भुगतान करने का प्रावधान 14 दिन में हो और साथ – साथ किसानों के गन्ना भुगतान को डिजिटल माध्यम से जोड़ा जाए. प्रदेश की कई चीनी मिलों पर किसानों का आज भी करोडों रूपया बकाया है और पेराई सत्र शुरू होने वाला है हमारी मांग है कि प्रदेश की सभी चीनी मिल पेराई सत्र शुरू होने से पहले पूर्ण भुगतान करें . २-गन्ने की खेती पर बढ़ते हुए खर्च को देखते हुए प्रदेश के किसान को 450 रूपये प्रति कुन्तल गन्ने का मूल्य दिया जाए . ३-धान की खरीद सरकार सुचारू रूप से करें और किसानों को पराली जलाने से रोके जाने पर सरकार पराली कम्पोस्ट की उचित व्यवस्था करें. ४- किसानों के खेत में आवारा पशुओं से बचाने के लिए लगाये जाने वाले कंटीले तारों के आदेश को पूर्णतः रद्द किया जाए और छुट्टा पशुओं से किसानों को निजात दिलायी जाए. ५-किसानों के साथ किए गए सिंचाई की बिजली के मुफ्त वायदे को पूरा किया जाए और जो किसानों की बिजली समस्याएं हैं उन्हें पूर्णतः हल किया जाए. ६-ट्रैक्टर – ट्रॉली पर लगाये गये 10000 रूपये जुर्माना व कार्यवाही के आदेश को तत्काल रूप से निरस्त किया जाए और किसान हित में फैसला लिया जाए. ७-प्रदेश में बेमौसम वर्षा से धान व अन्य फसलों को भारी क्षति हुई , जिसे देखते हुए प्रदेश के किसानों का क्षति हुई फसलों को उचित मुआवजा दिया जाए. जीएम सरसों पर देशप्रदेश में पूर्णतः प्रतिबन्धित किया जाना चाहिए. ८-जीएम सरसों खेती फसलो पर्यावरण और मनुष्य जीवन सभी के लिए नुकसानदायक है. ९-रबी की बुआई से पहले किसानों को बीज व उर्वरक लेने में अनेकों दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है. बीज व उर्वरक की सभी केन्द्रों पर उचित व्यवस्था की जाए. १०-पशुओं में आए लम्पी वायरस से प्रदेश के पशुपालकों को व किसानों को उनके गौवंश के मर जाने से भारी क्षति हुई है और इसका असर प्रदेश के दुग्ध उत्पादन पर भी पड़ा है अतः इसके सर्वे कराकर जिन किसानों के पशु लम्पी वायरस में मर गये उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए. ११-आन्दोलन के दौरान किसानों के ऊपर लगाये गये फर्जी मनगढन्त मुकदमे वापस किये जाये.
ज्ञापन देने में पूर्वांचल महासचिव आर पी चौधरी, चंद्र प्रकाश चौधरी मंडल सचिव, रामचंद्र सिंह मंडल उपाध्यक्ष, फूलचंद चौधरी, त्रिवेणी ब्लॉक अध्यक्ष सदर, जय राम चौधरी मंडल अध्यक्ष, सीताराम चौधरी, शिव शंकर पांडे, अनिल सिंह, अमरेंद्र बहादुर, रघुनंदन यादव आदि मौजूद रहे.


किसानों की समस्याओं को लेकर भाकियू के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी बस्ती को दिया ज्ञापन.