लफ़्ज़ों की महफ़िल के क़लमकारों ने काव्यपाठ करके युवा दिवस मनाया

उदयपुर (पुकार) .

विवेकानन्द के जन्मदिन पर रविवार को अशोका पैलेस स्थित मधुश्री ऑडिटोरियम में लफ़्ज़ों की महफ़िल ने अपनी मासिक काव्य गोष्ठी में शहर के ख़्यातनाम और उभरते क़लमकारों ने काव्यपाठ करके मनाया.

संस्थापक और संरक्षक मुकेश माधवानी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा मंच संचालन सर्वमंगला श्रीमाली ने किया.

कार्यक्रम संयोजक पुरुषोत्तम शाकद्वीपी ने आमंत्रित क़लमकारों का शब्दों द्वारा स्वागत किया. कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ. शीतल श्रीमाली  द्वारा सरस्वती वन्दना से हुआ. कार्यक्रम की अगली कड़ी में अशोक जैन ‘मंथन’ स्वागतम् दो हज़ार पच्चीस  तथा राष्ट्रीय कवि दाडमनन्द “दाड़म” ने राजस्थानी हास्य कविता पेश की. इसी क्रम में
घनश्याम आर्य, शकुन्तला, मानस, अरुण त्रिपाठी, जयकिशन नागपाल, संजय गुप्ता ‘देवेश’, रविन्द्र सिसोदिया, पूनम गो, आस्मां अक़बर, डॉ. शीतल श्रीमाली, शाहिद शेख, अनिता जैन, मनोहर डेम्बला, शक़ील अल्लाहउद्दीन, ईश्वर जैन ‘कौस्तुभ’, राजकुमार शर्मा, श्याम मठपाल, बृजराजसिंह जगावत,निर्मल गर्ग, अक़बर ‘शाद’, कमल जुनैजा, राजबीर सिंह, सकीना आलमशाह, साराह आलमशाह, अरूण शंकर, लोकेश चन्द्र चौबीसा, बंशीलाल लोहार, रामदयाल मेहरा, शाहिद हुसैन, डॉ. रचना शर्मा, अजीतसिंह खींची, पुरुषोत्तम शाकद्वीपी  ने अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं.


कार्यक्रम के मध्य क्रम में शहर 6 साहित्यकारों दाड़म चंद “दाड़म”, प्रो. निर्मल गर्ग, प्रकाश तांतेड़, रामदयाल मेहरा, अशोक जैन ‘मंथन’ तथा श्याम मठपाल को पगड़ी, स्मृतिचिह्न, शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया और इसी क्रम में लफ़्ज़ों की महफ़िल द्वारा नववर्ष पर आयोजित की गई प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 36 प्रतिभागियों को उपरणे तथा प्रमाण पत्र द्वारा सम्मान किया गया.

कार्यक्रम का समापन मीडिया प्रभारी ईश्वर जैन “कौस्तुभ” ने धन्यवाद् ज्ञापित करके किया.