Sunday , 2 April 2023
हिमाचल कांग्रेस में मची है भगदड़, क्या मोदी फैक्टर तोड़ देगा 37 साल पुराना रिकॉर्ड

हिमाचल कांग्रेस में मची है भगदड़, क्या मोदी फैक्टर तोड़ देगा 37 साल पुराना रिकॉर्ड

PM Narendra Modi In Himachal Pradesh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हिमाचल प्रदेश में थे, इस मौके पर उन्होंने राज्य को वंदे मातरम ट्रेन से लेकर दूसरी कई सौगातें दी. प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए, भाजपा और मोदी पूरे चुनावी रंग में दिख रहे हैं. लेकिन प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस का राज्य में हाल कुछ और ही नजर आ रहा है. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उस समय कांग्रेस का साथ छोड़ रहे हैं, जबकि उनके प्रमुख नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं. कांग्रेस के लिए चिंता की बात यह है कि पार्टी छोड़ने वाले में दो नेता ऐसे हैं, जिन्हें पार्टी ने हाल ही में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था. पार्टी छोड़ने वाले ये बड़े नेता शामिल हिमाचल प्रदेश कांग्रेस फिलहाल नेताओं के दल छोड़ने और पार्टी के अंदर जारी अंतर्कलह का सामना कर रही है. पिछले महीने सितंबर में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन ने कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली थी. उनका कहना था कि वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस जर्जर हो गई है, जिसके पास न तो नेतृत्व है और न ही विश्वसनियता है. हर्ष महाजन तीन बार विधायक रह चुके है. और उन्हें पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का करीबी माना जाता है. खास बात यह है कि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी को ही प्रदेश की कमान सौंपी है.
इसके अलावा पूर्व टेलीकॉम मंत्री सुखराम के पोते आश्रय शर्मा भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं. वन काजल और लखविंदर राणा जैसे नेताओं ने भाजपा का दामन थाम मिलया है. वहीं 5 बार के विधायक राम लाल ठाकुर ने नाराज होकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष का पद छोड़ दिया है. ऐसा नही है कि केवल वरिष्ठ नेता पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं, बल्कि कई युवा चेहरों ने भी पार्टी छोड़ दी है . इस कड़ी में शिमला के आकाश सैनी, शिमला से युवा नेता राहुल नेगी, सचिव भगत सिंह ठाकुर,अमित मैहता, प्रतीक शर्मा, मेहर सिंह कंवर,नरेश कुमार और धीरज कश्यप जैसे युवाओं ने भी पार्टी छोड़ दी है. इसी तरह सितंबर में हमीरपुर जिले के सुजानपुर में आयोजित रैली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह नहीं पहुंची थी. ऐसी खबरें हैं कि अपने वफादारों का टिकट कटता देख वह नाराज हैं. साफ है कि जब कांग्रेस को एक जुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ने की जरूरत हैं, उसके पहले ही कांग्रेस में गुटबाजी और पार्टी छोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 68 सीटें हैं. और इस समय वहां पर जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है. और प्रदेश में 1985 के बाद से कोई भी सरकार वापसी नहीं कर पाई है. ऐसे में कांग्रेस के लिए यह अच्छा मौका है. खास तौर पर जब अक्टूबर 2021 में हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने मंडी लोक सभा सीट जीतने के साथ तीनों विधानसभा सीट जीतकर भाजपा का सफाया किया था, उससे भी पार्टी के लिए उम्मीदें बढ़ गई थी. लेकिन हाल में कांग्रेस में जारी कलह भाजपा के लिए सत्ता में वापसी का मौका बन सकता है. और अगर ऐसा होता है तो 37 साल का रिकॉर्ड टूटेगा.

हिमाचल कांग्रेस में मची है भगदड़, क्या मोदी फैक्टर तोड़ देगा 37 साल पुराना रिकॉर्ड