
- पुलिस ने किया नाबालिग के अपहरण और हत्या की झूठी साजिश का पर्दाफाश
- डीएनए जांच में पकड़ी गयी माता-पिता की साजिश, अज्ञात किशोरी के शव को खुद की बेटी का बताया
प्रभुनाथ शुक्ला (भदोही)| उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद में पुलिस ने नाबालिक किशोरी की हत्या के मामले में शनिवार को सनसनीखेज खुलासा किया है. तक़रीबन दस माह पूर्व जिस किशोरी की हत्या के मामले में पुलिस ने दो निर्दोष लोगों को जेल भेज दिया था. उसी किशोरी को नोएडा से जिंदा बरामद किया है. इस घटना में कुएं से जिस किशोरी की लाश मिली थी उसे लड़की के मां-बाप ने खुद अपनी बेटी बताया था|
भदोही पुलिस अधीक्षक डॉ अनिल कुमार के अनुसार
16 मई 2022 को थाना गोपीगंज में सीखापुर गांव निवासी श्यामकिशोर पाण्डेय ने पुलिस को लिखित सूचना दिया था कि उसकी नाबालिग बेटी जिसकी उम्र करीब 17 वर्ष है 14 मई को घर से शौच के लिए निकली थीं लेकिन वापस नहीं आयी.पुलिस पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर घटना की जांच में जुट गयी थीं.
27 मई को ऊंज थाना क्षेत्र के मोहनपुर गांव के सिवान में स्थित कुएं से अज्ञात लड़की का शव वरामद हुआ. जिसके शव को माता-पिता ने खुद अपनी बेटी का बताया इस मामले में पिता श्यामकिशोर पाण्डेय ने पूर्व रंजिश के कारण दो व्यक्तियों विष्णु कहार निवासी कस्तूरीपुर थाना सुरियावां जनपद भदोही व प्रदीप कुमार सेठ निवासी चकमान्धाता थाना गोपीगंज जनपद भदोही को नामजद किया गया. पुलिस के अनुसार शव पूर्ण रुप से पहचान में नही आ रहा था. जिसकी वजह से पुलिस ने समझदारी दिखाते हुए माता-पिता के डीएनए परीक्षण मिलान के लिए उनका रक्त नमूना लेकर विधिविज्ञान प्रयोगशाला गोरखपुर भेजा.
भदोही पुलिस अधीक्षक डॉ0 अनिल कुमार के अनुसार घटना में स्थानीय पुलिस को वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन करते हुए गहनता से जांच के लिए निर्देशित किया गया. जिसके बाद कथित तौर पर अपहरित किशोरी को ग्रेटर नोएडा से भदोही पुलिस ने 24 मार्च 2023 को फोटो मिलान करते हुए जीवित बरामद किया.
पुलिस अधीक्षक के दावे के अनुसार पूछताछ में अपहृता ने बताया गया कि वह काफी दिनों से अपने मां बाप से सम्पर्क में थी. मां-बाप ने बेटी को बताया कि पुलिस को जानकारी अगर तुम्हारे जिंदा होने की जानकारी मिलेगी तो तुम आशीष पाण्डेय , ललित पाण्डेय , प्रदीप सेठ , डान मलिया , विष्णु कहार , बाबा मिश्रा को आरोपित करते हुए कहानी गढ़ना कि मेरे पिता के झूठे एक्सीडेंड की सूचना बताकर सभी लोग चार पहिया गाड़ी मे बैठाकर मेरा हाथ पैर और मुंह बांधकर बनारस हाईवे पर फेंक दिया गया था.
पुलिस अधीक्षक के अनुसार बरामदशुदा नाबालिक के परिजनों को जानकारी थी कि उसकी पुत्री नोएडा में रह रही है. परिजनों द्वारा थाना स्थानीय पर साक्ष्य को छुपाते हुए आरोपितों के खिलाफ मिथ्या साक्ष्य दिया गया. जिसमें आजीवन कारावास जैसी सजा हो सकती है. पुलिस अब झूठा मुकदमा और फर्जी साजिश रचने के आरोप में श्यामकिशोर पाण्डेय और उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेगी. लेकिन पुलिस के सामने अभी एक सवाल खड़ा है कि कुएं में आखिरी जिस लड़की की लाश मिली थी वह किसकी थी. उसकी हत्या क्यों की गई है और वह लड़की कहां रहने वाली की थीं.
यूपी : जिस बेटी को मां-बाप ने बताया मुर्दा, नोएडा में वह निकली जिंदा