विवेक रंजन अग्निहोत्री सिनेमा जगत का एक जाना माना नाम हैं. वो भारतीय सिनेमा के सबसे समझदार और जिम्मेदार फिल्ममेकर्स में से एक हैं. अग्रणी निर्देशक हमेशा समाज और जनता को आइना दिखना के लिए अपनी फिल्मों में रियल लाइफ स्टोरीज का इस्तेमाल करते हैं. उनकी इन स्टोरीज में ‘द ताशकंद फाइल्स’, ‘द कश्मीर फाइल्स, और ‘द वैक्सीन वॉर’ शामिल है जिसने दर्शकों की भावनाओं पर एक यादगार प्रभाव छोड़ा है. इन फिल्मों में से एक जहां ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने अपनी कहानी और दृढ़ विश्वास से देश को चौंका दिया और आइकोनिक नेशनल अवॉर्ड सहित कई पुरस्कार हासिल किए, वहीं ‘द वैक्सीन वॉर’ ने भारतीय महिला वैज्ञानिकों की भावना और कोरोना वैक्सीन के पीछे के दिमाग का सम्मान किया, जो एक फिल्म मेकर के रूप में दर्शकों के सामने बेहतरीन कंटेंट पेश करने की उनकी क्षमता को दर्शाता है.
एक इंडिक फिल्म निर्माता होने के अलावा, विवेक रंजन अग्निहोत्री भारत के एक जिम्मेदार नागरिक भी हैं और उन्होंने अपने काम से लोगों और आज की पीढ़ी के दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी है जिसके लिए उन्हें हाल ही में महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है.
हाल ही में हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक पहल की शूरूआत करते हुए मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चों की देखभाल की. इसके लिए सरकार ने विवेक रंजन अग्निहोत्री को राजदूत नियुक्त किया और इसका हिस्सा बनने के लिए फिल्म मेकर का आभार व्यक्त किया.
इसके जवाब में विवेक रंजन अग्निहोत्री ने भी उन्हें अपने अंदाज में शुक्रिया किया और कहा, “नमस्ते, शुक्ला जी. आपके आशीर्वाद और शब्दों के लिए धन्यवाद. मैं व्यक्तिगत रूप से वहां रहना चाहता था, लेकिन कुछ कारणों से, मैं नहीं आ सका. मैं अच्छे काम के अवसर पर वहां मौजूद रहने के लिए आपको धन्यवाद देना चाहता हूं.”
आखिर में उन्होंने कहा, “मैं इस अवसर के लिए आभारी हूं और मैं इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने और अपनी फिल्मों, कामों और एक्शन के माध्यम से अपना कर्तव्य निभाने का वादा करता हूं.”
इस बीच, काम के मोर्चे पर, मशहूर फिल्म फेमर विवेक रंजन अग्निहोत्री ‘द दिल्ली फाइल्स’ पर काम कर रहे हैं.