राजकुमार गौतम
बस्ती, उत्तर प्रदेश
लोकसभा चुनाव. लोकसभा चुनाव-2024 के नतीजे घोषित होने के बाद राजनीतिक गलियारों में सुर्खियों की भरमार है हर किसी की नजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू पर टिकी हुई है, फिलहाल दोनों एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़े थे, लेकिन सुर्खियों में है की इंडिया गठबंधन कि नेताओं के लगातार संपर्क में बने हुए हैं, सवाल उठता लाजमी है कि अगर उनका साथ मिला तो क्या इण्डिया गठबंधन की सरकार बन सकती है या नहीं? नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू जहां बिहार में 12 सीटें जीतने में कामयाब रही तो चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी आंध्र प्रदेश में 16 सीटों पर जीत का आंकड़ा बरकरार रहा, इस बार के चुनाव में किसी भी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, हालांकि बीजेपी की गठबंधन एनडीए ने बहुमत के आंकड़े को पार करते हुए 292 सीटों पर जीत दर्ज की है पर बीजेपी की सीटें कम (240 सीट) होने के बाद नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की डिमांड बढ़ गई है, इन दोनों दलों को इंडिया गठबंधन में मिलने की सांठगांठ में कई वरिष्ठ नेता लगे हुए हैं, एनडीए अपने सहयोगी दलों का प्रतिरक्षण करने में भी कोई और कसर नहीं छोड़ रही है फिर भी बताया जा रहा है कि इंडिया गठबंधन के कई नेता नीतीश और नायडू के संपर्क में हैं. अब यहां सवाल उठना लाजिमी है कि अगर नीतीश और नायडू का साथ मिलता है तो क्या इंडिया गठबंधन सरकार बना पाएगा या नहीं ?
इंडिया गठबंधन सरकार बन पाएगी या नहीं
इंडिया गठबंधन को 234 सीटों पर जीत मिली है और बहुमत का आंकड़ा 272 है ऐसी परिस्थित में इंडिया गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 38 सीटों की जरूरत पड़ेगी, चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की सीटें मिला दें तो ये (16+12) 28 होती ही हैं, 234 और 28 को जोड़ने पर इंडिया का आंकड़ा 262 तक ही पहुंच पाता है, सत्ता में आने के लिए उसे इंडिया गठबंधन को 10 सीटों की और आवश्यकता पड़ेगी, ऐसे में जो अन्य 17 सांसद हैं वो महत्वपूर्ण हो जाते हैं, इंडिया गठबंधन को इन सांसदों पर भी नजर रखनी पड़ेगी.
एकल एवं निर्दलीय सांसद क्या साथ देंगे इंडिया गठबंधन का?
हम जानलेते हैं वह 17 सांसद कौन-कौन से हैं और क्या क्यों वह इंडिया गठबंधन का साथ देंगे या नहीं? जो 17 सांसद हैं उसमें यूपी की नगीना सीट से जीत दर्ज करने वाले चंद्रशेखर आजाद, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी और बिहार के पूर्णिया से जीतने वाले पप्पू यादव भी हैं, ये तीन वो सांसद हैं जो जरूरत पड़ने पर इंडिया गठबंधन के साथ जा सकते हैं, इन तीनों सांसदों का साथ इंडिया गठबंधन को मिला तो उसका आंकड़ा 265 तक पहुंच जाएगा लेकिन अब भी इंडिया गठबंधन को 7 और सांसदों की जरूरत पड़ेगी. इंडिया गठबंधन 4 ऐसे निर्दलीय सांसदों की ओर भी देख सकता है जिनका बैकग्राउंड कांग्रेस या उसकी सहयोगी पार्टियों से रहा हो, इसमें लद्दाख से जीत दर्ज करने वाले मोहम्मद हनीफा, खडूर साहिब से जीतने वाले अमृतपाल, फरीदकोट से जीत हासिल करने वाले सरबजीत सिंह खालसा हैं, राजनीतिक जानकारों की मानें तो अमृतपाल और सरबजीत सिंह बीजेपी के साथ तो नहीं जाएंगे, जब समर्थन की बात आएगी तो इंडिया गठबंधन को बाहर से सपोर्ट कर सकते हैं.
इन सांसदों पर भी दांव खेल सकता है इंडिया गठबंधन
दमन और दीव से जीतने वाले निर्दलीय पटेल उमेश भाई पर भी इंडिया गठबंधन दांव खेल सकती है, चुनाव नतीजों के बाद जब उनसे पूछा गया कि वह किस पार्टी का समर्थन करेंगे तो उन्होंने कहा, मुझे अभी फैसला करना है, लेकिन दमन और दीव के लोगों की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा, हम अपने मूल लोगों से बात करेंगे, सांगली से चुनाव जीतने वाले विशाल पाटिल भी कांग्रेस की नजर में रह सकते हैं, विशाल पाटिल यहां से निर्दलीय चुनाव लड़कर विजय हुए हैं, कांग्रेस ने उनको टिकट नहीं दिया था नतीजों के बाद क्या पता कि उनका मूड बदल जाए और वो इंडिया गठबंधन के साथ चले जाएं.
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को हराने वाले इंजीनियर राशिद किस ओर जाएंगे?
17 सीटें जीतने वाले अन्य सांसदों में इंजीनियर राशिद भी हैं, फिलहाल वह अभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, टेरर फंडिंग के मामले में उन्हें 2019 में गिरफ्तार किया गया था, इंजीनियर राशिद के सीट पर भी इंडिया गठबंधन की नजर होगी.
अब देखते हैं कुल आंकड़ा क्या कहता है?
इंडिया गठबंधन 234 + नीतीश (12) + नायडू (16) + पप्पू यादव (1) + AIMIM (1) + चंद्रशेखर आजाद (1) +विशाल पाटिल को + अमृतपाल + मोहम्मद हनीफा + पटेल उमेशभाई + सरबजीत सिंह खालसा + इंजीनियर राशिद जोड़ने के बाद आंकड़ा 271 तक पहुंचेगा. इसके बाद उसे 1 और सांसद के समर्थन की जरूरत होगी.