सुपर 30 के 4 साल: ऋतिक रोशन ने बताया, कैसे विरोधियों की बातें करती हैं उन्हें उत्साहित

बॉलीवुड सुपरस्टार ऋतिक रोशन की क्रिटिकली एक्लेमड फिल्म सुपर 30 की रिलीज को चार साल हो गए हैं. फ़िल्म में ऋतिक ने रियल लाइफ मथेमैटिशन आनंद कुमार का किरदार निभाकर अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया था. ऐसे में फ़िल्म न सिर्फ दर्शकों को बेहद पसंद आई बल्कि इसने ऋतिक को अपने विरोधियों को गलत साबित करने का मौका भी दिया. इसी तरह से अपने अनुभव पर विचार करते हुए, एक्टर ने अपने एक उस दौरान के इंटरव्यू में विरोधियों को चुप कराने और अस्वीकार करने के लिए अपने उत्साह को साझा किया था.
ऋतिक रोशन ने कहा था, “मुझे लोगों को गलत साबित करना पसंद है. जब कोई कहता है कि ‘ऋतिक यह नहीं कर सकता,’ तो आप सोच भी नहीं सकते कि ये मुझे किस तरह से चार्ज करता है. अगर आप चाहते हैं कि मैं कुछ करूं, तो आपको बस यह कहना होगा कि वह नहीं कर सकता है.’ ऐसा मत करो. बस! ऐसा स्पार्क हो जाता है अंदर. लेकिन अगर आप चाहते हैं कि मैं किसी चीज को अच्छे से न करू, तो आपको बस इतना कहना होगा, ‘वह इसे बहुत आसानी से कर सकता है.’ इस वजह से मुझे वो करने का मन नहीं होगा. मैं काफी हद तक ऐसा ही हूं.” अब आप समझ गए होंगे कि यह शब्द एक्टर में ढेर सारी भावना और अटूट दृढ़ संकल्प की झलक पेश करते हैं.
काबिलियत को लेकर किसी भी तरह का शक अक्सर ऋतिक रोशन के जुनून को बढ़ावा देता है और उन्हें अपनी सीमाओं से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है. और कुछ उसी तरह से सुपर 30 में किरदार निभाना अपने दायरे से बाहर निकलने जैसा था. क्योंकि किसी भी असल व्यक्ति पर आधारित किरदार को निभाने के लिए उनके व्यक्तित्व, संघर्ष और प्रेरणाओं की गहरी समझ की जरूरत होती है. जानेमाने मथेमैटिशन आनंद कुमार, जिन्होंने अपना जीवन वंचित छात्रों को कोचिंग देने के लिए समर्पित कर दिया, कहा जा सकता है कि उन्होंने ऋतिक के सामने अपना किरदार निभाने की एक अनूठी चुनौती पेश की.
अपने काम के प्रति एक्टर की प्रतिबद्धता को तब चमकते हुए देखा गया, जब उन्होंने किरदार के लिए जरूरी शोध और तैयारी की, और उसे बड़े पर्दे पर उतारा. शुरुआत से ही, ऋतिक का इरादा साफ था – न सिर्फ भूमिका के साथ न्याय करना बल्कि उन लोगों को चुप कराना भी, जिन्होंने उनकी क्षमताओं पर शक किया था.
ऋतिक रोशन के बयान से उनके व्यक्तित्व के एक दिलचस्प पहलू का पता चलता है, जैसे मुश्किल घड़ी में भी अपनी योग्यता साबित करने की तीव्र इच्छा. ऐसे में खुद को एक स्वाभाविक और सहज कलाकार के रूप में लेबल किए जाने पर एक्टर ने निराशा को हावी नहीं होने दिया, बल्कि उन्होंने इस चीज ने उन्हें यह साबित करने के लिए प्रेरित किया कि उनके प्रदर्शन के पीछे बहुत सारी कोशिश और समर्पण है.
सुपर 30 को बहुत तारीफ मिली, जिसमें ऋतिक रोशन के आनंद कुमार के किरदार की प्रामाणिकता और गहराई के लिए सराहना की गई. ऋतिक के प्रदर्शन ने उनकी कला के प्रति प्रतिबद्धता और विविध किरदारों में कदम रखने की उनकी क्षमता का प्रमाण दिया.
आगे ऋतिक रोशन को नई भूमिकाएँ निभाते और नए क्षेत्रों पर जीत हासिल करते देखना दिलचस्प होगा, जैसा कि उन्होंने हमेशा किया है. जैसा कि उन्होंने बार-बार दिखाया है, रितिक पर संदेह करना केवल उनके भीतर आग जलाने का काम करता है – एक ऐसी आग जो उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचने और अपने शिल्प की सीमाओं को फिर से परिभाषित करने के लिए प्रेरित करती है.