नयी दिल्ली. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में समीक्षा अधिकारी परीक्षा का पेपर लीक होने पर योगी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए सवाल किया कि कानून बनने के बावजूद पेपर लीक की बीमारी से प्रदेश के युवाओं को कब राहत मिलेगी. एआरो की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने दावा किया की परीक्षा होने से पहले ही पेपर लीक हो गया था. हांलाकि इस बात की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है और बहुत ही तेजी से इसका वीडियो भी और फोटो भी शेयर किया जा रहा है. इसे लेकर छात्रों ने सोशल मीडिया में मुहिम भी छेड़ी थी, साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इसे लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था.
श्रीमती वाड्रा ने कहा,“कई वर्षों के इंतजार के बाद संसद में पेपर लीक के खिलाफ कानून पास हुआ और उधर यूपी में समीक्षा अधिकारी की परीक्षा का पर्चा लीक हो गया. वर्ष 2017 में दारोगा भर्ती से लेकर 2024 में समीक्षा अधिकारी तक – खबरों के अनुसार यूपी में लगभग हर प्रतियोगी परीक्षा का पर्चा लीक हुआ है.”
उन्होंने कहा,“सरकार इसे रोकने के लिए क्या करने जा रही है. क्या यूपी में नये कानून के तहत निष्पक्ष कार्रवाई होगी या ये सिर्फ दिखावा साबित होगा. देश का युवा जिस विडंबना का शिकार है उसकी ‘क्रोनोलॉजी’ समझिए – वर्षों तक भर्ती नहीं निकलती, निकली तो समय पर परीक्षा नहीं, परीक्षा हुई तो पेपर लीक, इसके बाद भी यदि सारी प्रक्रिया पूरी भी हो जाए तो नियुक्तियों में घोटाला हो जाता है और मामला कोर्ट में अटक जाता है.”
श्रीमती वाड्रा ने कहा,“उप्र में हमने युवाओं के लिए विशेष ‘भर्ती विधान’ घोषणापत्र जारी किया था जिसमें इन समस्याओं का समाधान पेश किया था. भारतीय जनता पार्टी सरकार अगर चाहती तो उन प्रावधानों को लागू करके युवाओं का भविष्य सुरक्षित कर सकती थी. पेपर लीक के खिलाफ कानून पास होने के बाद क्या यूपी के युवा न्याय की उम्मीद करें.”