बस्ती (उत्तर प्रदेश). राजनीति में दलित और पिछड़ों की सक्रियता संकुचित और घृणित जातिवादी मानसिकता के लोगों को हमेशा से नागवार गुजरी है, यही कारण है कि आए दिन ऐसे मामले समाज में देखने को मिल रहे हैं जो कहीं ना कहीं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उनके सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक पहलू के हनन का कारण बनते हैं ऐसा ही एक मामला सामने आया है बहुजन मुक्ति पार्टी के जिला अध्यक्ष आर के आरतियन का, बीते कई दिनों से आर के आर्तियन के पास एक अनजान नंबर 9454854604 से धमकी भरा फोन आ रहा है जिसमें व्यक्ति के द्वारा लगातार बहुजन मुक्ति पार्टी के जिला अध्यक्ष को गाली दी जा रही है और घर पर आने का एड्रेस भी पूछ रहा है इसके बाद जाति सूचक शब्दों के साथ बहुत ही गंदी-गंदी गाली भी दे रहा है, धमकी देने वाले की बातों से ऐसा स्पष्ट हो रहा है कि व्यक्ति बहुत आवेश में आकर अपने जातीय अहम में शराबोर होकर धमकाना चाह रहा हो, धमकाने वाले व्यक्ति की ऑडियो मे यह भी कह रहा है कि यह योगी और मोदी की सरकार है, धमकी देने वाले का तात्पर्य है कि योगी और मोदी की सरकार में जातीय मानसिकता के लोगों की ही चलेगी बाकी दलित, पिछड़ी, दबे कुचले लोगों की कोई सुनवाई नहीं होगी. हालांकि इन सभी घटनाओं को प्रार्थना पत्र के माध्यम से बहुजन मुक्ति पार्टी के जिला अध्यक्ष आर के आरतियन ने एसपी बस्ती को डाक के द्वारा सूचित किया है.
अब देखना यह है कि ऐसे आततायि लोगों के ऊपर प्रशासन क्या कार्रवाई करती है? क्या मुकदमा लिखकर इसके ऊपर विवेचना होगी या समाज के एक जिम्मेदार व्यक्ति जो दलित, पिछड़े और दबे कुछ लोग की सामाजिक राजनीतिक समानता के लड़ाई की अगुवाई करने वाले को जातीय उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ेगा.