तत्काल लोन देकर आत्महत्या करने को मजबूर कर रही कंपनियां, इस गोरखधंधे में फंसकर देश में आत्महत्याओं का दौर जारी

नयी दिल्ली. ऐप्स के जरिए तत्काल ऋण देकर लोगों फंसाने और इसके बाद उन्हें प्रताड़ित करने का गोरखधंधा भारत, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के अन्य देशों में धड़ले से चल रहा है. बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि ऐसे ऐप्स के द्वारा दुर्व्यवहार और धमकी दिए जाने के बाद कम से कम 60 भारतीयों ने आत्महत्या कर ली है. बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में भारत और चीन में इस घातक घोटाले से मुनाफा कमाने वालों को बेनकाब किया है.
बीबीसी ने एक पीड़ित आस्था सिन्हा का उल्लेख करते हुए अपनी रिपोर्ट में बताया है कि फोन पर अपनी मौसी की घबराई हुई आवाज सुनकर आस्था की नींद खुली. आस्था की मौसी ने फोन पर कहा, “अपनी माँ को घर से बाहर मत जाने दो.’ सत्रह साल की आस्था आधी नींद में अपनी मां भूमि सिन्हा के कमरे में गयी, जहां उन्हें रोती हुयी और बेचैन देखकर घबरा गई.”
आस्था की मांग मुंबई की एक प्रतिष्ठित वकील, मजाकिया और निडर महिला थीं. आस्था कहती हैं कि ‘वह टूट रही थी.’ घबराई हुई मां ने बेटी को बताना शुरू कर दिया कि सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और संपर्क कहाँ हैं और वह दरवाजे से बाहर निकलने के लिए बेताब लग रही थी. आस्था जानती थी कि उसे उसे (भूमि) रोकना होगा. उसकी मौसी ने कहा था, “उसे (भूमि) अपनी नज़रों से ओझल मत होने दो, क्योंकि वह अपना जीवन समाप्त कर लेगी.”
आस्था अपनी मां भूमि को इतना परेशान देखकर घबरा गई. उसे पता था कि उसकी मां को कुछ अजीब कॉल आ रही थीं और उस पर किसी का पैसा बकाया था, लेकिन उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि उसकी मां महीनों से उत्पीड़न और मनोवैज्ञानिक यातना से जूझ रही थी. आस्था की मां कम से कम 14 देशों में चल रही जालसाजी के साथ एक वैश्विक घोटाले का शिकार हो गई थी, जो लाभ कमाने के लिए लोगों की इज्जत से खिलवाड़ और ब्लैकमेल करता है. इस प्रक्रिया में लोगों का जीवन को नष्ट हो जाता है.
गौरतलब है कि ऐसे कई ऐप हैं, जो मिनटों में परेशानी मुक्त लोन देने का वादा करते हैं. ऐसे ऐप्स एक बार डाउनलोड होने के बाद आपके संपर्क, फ़ोटो और आईडी कार्ड प्राप्त कर लेते हैं और बाद में उस जानकारी का उपयोग आपसे जबरन वसूली करने के लिए करते हैं. जब ग्राहक समय पर भुगतान नहीं करते हैं और कभी-कभी जब वे भुगतान भी करते हैं, तो वे इस जानकारी को एक कॉल सेंटर के साथ साझा करते हैं, जहां लैपटॉप और फोन से लैस गिग इकॉनमी के युवा एजेंटों को लोगों को भुगतान के लिए परेशान करने और अपमानित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.
भूमि ने वर्ष 2021 के अंत में कई ऋण ऐप्स से लगभग 47,000 रुपये उधार लिए थे. पैसा तुरंत आ गया था, लेकिन शुल्क में बड़ी कटौती कर ली गयी थी. भूमि को सात दिन बाद भुगतान करना था, लेकिन वह भुगतान नहीं कर सकीं, जिसके कारण उसने दूसरे ऐप से उधार लिया. इस तरह के कई ऐप्स के उधार लेने की वजह से उस पर लग भीग बीस लाख रुपये का कर्ज हो गया. इसके बाद जल्द ही रिकवरी एजेंटों ने फोन करना शुरू कर दिया. वे तुरंत ही बुरे मूड में आ गए और उन्होंने भूमि को अपमानित करना और गालियां देनी शुरू कर दी. यहां तक कि जब उसने भुगतान कर दिया था, तब भी उन्होंने दावा किया कि वह झूठ बोल रही थी. वे दिन में 200 बार तक कॉल करते थे. उन्होंने कहा, “वे जानते थे कि वह कहां रहती थी, और उन्होंने चेतावनी के तौर पर उसे एक शव की तस्वीरें भेजीं.” जैसे-जैसे दुर्व्यवहार बढ़ता गया, उन्होंने उसके फोन के सभी 486 संपर्कों को संदेश भेजकर यह बताने की धमकी दी कि वह एक चोर और वेश्या है. जब उन्होंने उसकी पुत्री की प्रतिष्ठा भी धूमिल करने की धमकी दी, तो भूमि को नींद नहीं आई.
उसने दोस्तों, परिवार और कुल मिलाकर 69 ऐप्स से उधार लिया. रात में वह प्रार्थना करती थी कि सुबह कभी न आए. हर दि सुबह सात बजे उसका फ़ोन घनघनाने लगता था. आख़िरकार, भूमि सारा पैसा चुकाने में कामयाब रही, लेकिन विशेष रूप से एक ऐप (आसान लोन) ने कॉल करना बंद नहीं किया. थकावट के कारण वह काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाई और उसे घबराहट के दौरे पड़ने लगे.
एक दिन एक सहकर्मी ने उसे अपने डेस्क पर बुलाया और उसे अपने फोन पर कुछ दिखाया. उसकी एक नग्न, अश्लील तस्वीर थी. फोटो को बुरी तरह से फोटोशॉप किया गया था. भूमि का सिर किसी और के शरीर पर चिपक गया था, लेकिन इसने उसे घृणा और शर्म से भर दिया. वह अपने सहकर्मी की मेज पर गिर पड़ी. इसे आसन लोन द्वारा उसकी फ़ोन बुक में प्रत्येक संपर्क को भेजा गया था. तभी भूमि ने खुद को खत्म करने के बारे में सोचा.
बीबीसी ने कहा,“ हमने दुनिया भर में विभिन्न कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे इस तरह के घोटालों के सबूत देखे हैं, लेकिन अकेले भारत में बीबीसी ने पाया है कि लोन ऐप्स से परेशान होकर कम से कम 60 लोगों ने आत्महत्या कर ली है.आत्महत्या करने वाले लोगों में अधिकांश 20 और 30 साल के लोग थे. इनमें एक दमकलकर्मी, एक पुरस्कार विजेता संगीतकार, एक युवा माँ और पिता जो अपनी तीन और पाँच साल की बेटियों को छोड़ गए, एक दादा और पोता जो एक साथ ऋण ऐप्स के शिकार हुए. चार तो किशोर ही थे.”