- देश भर से आए पर्यावरण पर काम करने वालों लोगों को किया गया सम्मानित
- जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी ने भी पर्यावरण पर रखे विचार
भदोही. जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ज्ञानपुर भदोही में पर्यावरण हमारी आवश्यकता या मजबूरी एक संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें देश,प्रदेश और भदोही के पर्यावरण विदों ने अपने विचार रखे. भदोही जिलाधिकारी गौरांग राठी बतौर विशिष्ठ अथिति अपनी बात रखते हुए कहा कि भदोही में एक पर्यावरण क्लब की स्थापना होगी. जिसमें पर्यावरण के लिए काम करने वालों को जोड़ा जाएगा.
जिलाधिकारी गौरांग राठी विशिष्ट अतीत अपने विचार रखते हुए कहा कि भदोही में जंगल का क्षेत्र बेहद कम है लेकिन हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक काम करना होगा. उन्होंने कहा कि नदियों के किनारे को विकसित कर पर्यटन और पर्यावरण के लिए बेहतर बनाया जाएगा. जिलाधिकारी ने इस दौरान पर्यावरण क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले राष्ट्रपति शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित अशोक कुमार गुप्ता से पर्यावरण संरक्षित करने के लिए विचार मांगे. इसके बाद वाराणसी,पीलीभीत और बदायूं के पर्यावरण विदों ने अपने जिले में पर्यावरण के लिए बेहतर काम और अच्छे पुरस्कार प्राप्त करने के संबंध में जिलाधिकारी को जानकारी दिया. कार्यक्रम में पर्यावरण के लिए बेहतर काम करने वाले और उनका अनुभव सुनकर जिलाधिकारी काफी प्रभावित दिखे.
मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी यशवंत सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि पर्यावरण हमारी आवश्यकता के साथ-साथ मजबूरी भी बन गई है. हमें हर हाल में मिलकर पर्यावरण को सुरक्षित और सुरक्षित करना होगा. पर्यावरण के संबंध में हमें आने वाली पीढियां को भी जानकारी उपलब्ध करानी पड़ेगी. इससे हमारा पर्यावरण सुरक्षित रह सके. इस दौरान जिलासूचना अधिकारी डॉ पंकज कुमार ने भी पर्यावरण के संबंध में अपने विचार रखें. उन्होंने कहा कि बुद्ध और पर्यावरण को जोड़ कर अपनी बात रखी. उन्होंने बताया अब बसंत करीब आ रहा है ऐसे में यह पक्षियों के लिए प्रजनन का समय होता है. हमारा दायित्व बनता है कि उन्हें सुरक्षित करें और उनके लिए घोसले की व्यवस्था करें. उन्होंने बताया कि जिलाजेल में कैदियों की तरफ से बनाए गए घोसलों को जेल के सामने बिक्री के लिए भी रखा गया है.
इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार प्रभुनाथ शुक्ल ने भी अपने विचार रखे उन्होंने पर्यावरण को रामायण काल से जोड़ते हुए कहा कि भगवान राम ने भी पर्यावरण का संरक्षण किया था और उन्होंने वन में रहकर कंदमूल फल खाकर बनवास के दौरान अपनी वनयात्रा को सफल बनाया. मां सीता भी बन के पशु-पक्षियों और जानवरों से बहुत प्रेम करती थी. रामचरितमानस के अध्ययन से हमें रामायण काल में पर्यावरण संरक्षण की अच्छी खासी सीख मिलती है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी गौरांग राठी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प चढ़ा जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी ने पूजा-अर्चना किया. उद्योगपति विशंभर दयाल ने जिलाधिकारी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.
पर्यावरण सम्मान से किया गया सम्मानित
पर्यावरण के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले लोगों को जिलाधिकारी भदोही गौरांग राठी की तरफ से सम्मानित किया गया. जिसमें देश, प्रदेश और जनपद के लोग शामिल रहे. जिन्हें यह सम्मान दिया गया उन्हें पूर्व में पर्यावरण और स्वच्छता पर विशिष्ट कार्य के लिए सम्मानित किए जा चुके हैं. इनमें संगीता शर्मा बदायूं, ममता गंगवार पीलीभीत, जगदंबा प्रसाद सोनभद्र, स्वाति दीपिका श्रीवास्तव मिर्जापुर, संध्या मौर्य वाराणसी, कमलेश कुमार पांडेय वाराणसी, संगीता गौर राजस्थान, यशोदा कोरी मध्य प्रदेश शामिल हैं. जबकि जनपद से अमृता गुप्ता, आलोक कुमार दीपचंद, विवेक कुमार, अशोक कुमार गुप्ता राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कार, रत्ना गुप्ता, उर्मिला देवी, दीपक कुमार बरनवाल, बरिष्ठ पत्रकार प्रभुनाथ शुक्ल, राजेंद्र प्रसाद, अनुराधा यादव, डॉक्टर सौम्या मिश्रा, सुमन गुप्ता, राजेश कुमार पांडेय, मोहम्मद रुस्तम खान, अरशद खान, अतुल कुमार श्रीवास्तव शामिल रहे. सभी को अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ने पर्यावरण मित्रों को सम्मानित किया. कार्यक्रम समाप्ति के बाद अनिल कुमार मिश्रा प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान भदोही ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम का संचालन बीएल पाल ने किया.