भारतीय दर्शन के दो आध्यात्मिक संतों का सौहार्दपूर्ण मिलन ! दक्षिण भारत के कुंभ मेले यात्रा महोत्सव में जैन मुनि श्री का स्वागत

युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण के सुशिष्य डॉ मुनि श्री पुलकित कुमार जी मुनि श्री आदित्य कुमार जी ने कोप्पल नगर में लिंगायत वीर शैव समाज के श्री गवि सिद्धेश्वर यात्रा महोत्सव का रथ ( तेर) तथा मठ मंदिर का अवलोकन करते हुए मठ के महंत श्री गवि सिद्धेश्वर स्वामी से सौहार्दपूर्ण अध्यात्मिक चर्चा वार्ता की. मठ पधारने पर स्वामीजी ने प्रसन्नता प्रकट करते हुए मुनि श्री का स्वागत अभिनंदन किया. तेरापंथ समाज कोप्पल के कार्यकर्ताओं द्वारा स्वामी जी को आचार्य महाप्रज्ञ की पुस्तक भेंट की गई. दिनांक 27 जनवरी को दक्षिण भारत का कुंभ मेला के रूप में सुप्रसिद्ध कोप्पल नगर की ऐतिहासिक रथ यात्रा महोत्सव की जानकारी स्वामी जी ने मुनिश्री को दी तथा बताया कि इस मेले में लगभग 8 से 9 लाख श्रद्धालु जनता जनार्दन के रूप में इकट्ठी होती है. सिद्धेश्वर स्वामी के मन में जैन धर्म के त्यागी संतों के प्रति आस्थापूर्ण भाव देखकर जैन समाज के लोग भी आश्चर्य चकित हो गए. तेरापंथ सभा अध्यक्ष रमेश संचेती पवन संचेती महेंद्र जीरावला संदीप पालगोता मनोज कुमार चौपड़ा आदर्श चौपड़ा महावीर बागरेचा विशाल संचेती नैतिक संचेती रौनक जीरावला मुकेश चौपड़ा आदि अनेक कार्यकर्ता मुनिश्री के साथ सेवा में उपस्थित थे. सौहार्दपूर्ण मिलन एवं चर्चा वार्ता देखकर जनता अभिभूत हुई.