फ़िल्म ‘रज़ाकार’ के कलाकार राज अर्जुन , अनुसृया त्रिपाठी और निर्माता गुदुर नारायण रेड्डी ने राजधानी लखनऊ में किया प्रमोशन

  • हैदराबाद नरसंहार पर आधारित फ़िल्म ‘रज़ाकार’ सिनेमागृह में दर्शकों को आ रही हैं पसंद

लखनऊ. भारत की स्वतंत्रता के समय हैदराबाद में निजाम के आदेश पर हुए नरसंहार पर आधारित फ़िल्म ‘‘रज़ाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ़ हैदराबाद’’ पूरे भारत मे 26 अप्रैल को रिलीज होने के बाद दर्शकों को बहुत पसंद आ रही हैं . फ़िल्म के मुख्य कलाकार राज अर्जुन, अभिनेत्री अनुसूया त्रिपाठी के साथ ही फ़िल्म के निर्माता गुदुर नारायण रेड्डी लखनऊ में स्पेशल स्क्रीनिंग के लिए आए और मीडिया से बातचीत की. रज़ाकार फ़िल्म को समीक्षकों और दर्शक ख़ासा पसंद कर रहे हैं
फ़िल्म रज़ाकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे अभिनेता आज अर्जुन ने कहा कि रज़ाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ़ हैदराबाद’ एक ऐसा सिनेमा है जिसे हर भारतीय को देखना चाहिए. एक ऐसा नरसहार जो आज़ादी के बाद स्थानीय लोगो को भुगतना पड़ा . यह फ़िल्म देश के ‘लौहपुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है. गुजरात मे जन्मे सरदार पटेल देश के पहले उप प्रधानमंत्री और भारत के पहले गृह मंत्री भी थे. उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के दौरान भी कई बड़े आंदोलन चलाए और स्वतंत्रता के बाद उन्हीं की कोशिशों से कई रियासतों को एक कर भारत में शामिल किया गया था. हैदराबाद को भारत मे विलय कराने में उनका योगदान अमूल्य था जो कोई भारतवासी कभी नहीं भुला सकता.”
निर्माता गुदुर नारायण रेड्डी ने कहा कि “‘रज़ाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ़ हैदराबाद’’ एक ऐसी ऐतिहासिक घटना के बारे में बताएगी जिससे देश को पिछले ७५ वर्षों से दूर रखा गया था. फ़िल्म रज़ाकार को दक्षिण भाषा के साथ अब हिंदी में भी बड़े पर्दे पर रिलीज किया गया है ताकि इतिहास के इस चैप्टर के बारे में भी देश का हर एक व्यक्ति जान सके.
लखनऊ में फ़िल्म के खास शो के माध्यम से हम लोगों को बताना चाहते है कि रजाकारों द्वारा किये गये खून खराबे के आगे हिटलर के अत्याचार भी कम थे.उस बारे में हर हिंदुस्तानी को जानना कितना आवश्यक है.”
ट्रेलर में औरतों, बच्चों और बुजुर्गों पर अत्याचार के साथ हैदराबाद के निज़ाम का आदेश जारी किया जाता हैं कि ‘ओमकार सुनाई नहीं देना चाहिए और भगवा दिखाई नहीं देना चाहिए’ दूसरी तरफ सरदार पटेल का संदेश निज़ाम तक आता है कि हैदराबाद को हिंदुस्तान में विलय नहीं किया तो हालात बिगड़ जाएँगे. अत्याचार और नरसंहार के बीच आजादी के वीर संकल्प लेते है कि युद्ध करना ही पड़ेगा. भारतीय सेना और आजादी के वीर एक साथ मिलकर निजाम के रज़ाकार के साथ खूनी लड़ाई शुरू कर देते हैं. सरदार पटेल का संवाद “ना संधि ना समर्पण अब बस युद्ध होगा” जोश भर देता है. समरवीर क्रिएशन एलएलपी के बैनर तले निर्मित फ़िल्म ‘रज़ाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ़ हैदराबाद’ के निर्माता गुदुर नारायण रेड्डी हैं. फ़िल्म देश भर के सिनेमा हॉल में दर्शकों को पसंद आ रही हैं.