निःसंतानता विशेषज्ञ डा. सिमी कुमारी को मिला डा. अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय सम्मान

पटना. बिहार की प्रसिद्ध इनफर्टिलीटी स्पेशलिस्ट, गायनी अंकोलोजिस्ट डा. सिमी कुमारी को डा. अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया. डा. सिमी कुमारी को यह सम्मान बिहार विधान परिषद के उपसभागार परिषद में जन कल्याण स्वास्थ्य समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने क्षेत्र में विशेष योगदान और समाज सेवा के लिए दिया गया गया. इस कार्यक्रम में डा. सिमी कुमारी के साथ देश भर के कई और डाक्टरों और समाज सेवियों को भी सम्मानित किया गया था.
डा. सिमी ने एमबीबीेस की पढ़ाई 2005 पूरा करने के बाद वहीं से इंटर्नशीप का कोर्स पूरा किया. इसके बाद सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली में 2008 से 2012 तक इन्होंने चिकित्सीय सेवा दी. फिर आईजीआईएमएस,पटना,रेलवे अस्पताल, दानापुर और फिर नोवा आईवीएफ पटना में भी ये मरीजों का मर्ज लगातार दूर करती रही हैं. अब वो गोला रोड में अपना निजी क्लिनिक चला रही हैं.
आईयूआई में इनका सक्सेस रेट 40% और आईवीएफ में 72% है जो एक रिकार्ड ही है. इन्होंने अब तक संतान को लेकर निराश हो चुके सौ से अधिक दंपतियों को संतान सुख देने में चिकित्सकीय सहायता की है. सर्वाइकल कैंसर और मिहलाओं के कैंसंर में विशेषज्ञता के कारण ये इसके प्रति जागरूकता को लेकर भी लगातार सक्रिय रही हैं. बच्चियों और महिलाओं के बीच लगतार ये इस बीमारी को लेकर निजी तौर पर मुफ्त विमर्श और मेडिकल सलाह देती रही हैं.
एक गैर सरकारी संस्था सहयोग समृद्धि फाउंडेशन से जुड़ कर डा. सिमी कुमारी ने कोरोना काल में अनाथालय की किशोर बच्चियों के लिए मुफ्त मेडिकल सलाह भी दिया. वैसे जरूरतमंद मरीजों से वो अपना फी भी नहीं लेती हैं. प्रजापिता ब्रह्म कुमारी समाज से डा. सिमी कुमारी जुड़ी हैं. इसके तहत मोटीवेशनल और स्पिरिच्यूल सेशन के जरिय आमलोगों को भी बीमारी के प्रति जागरूक करती रही हैं.
स्कूल गोइंग बच्चियों में हो रहे शारीरिक बदलाव और शादीशुदा महिलाओं में प्रिगनेंसी केयर को लेकर झुग्गियों में भी ये जागरूकता फैलाने का काम करती रही हैं. इस तरह की समाजसेवा करके वो सकून महसूस करती हैं.