“ट्रेन में महिला ही नहीं, कोई भी यात्री सुरक्षित नहीं”

नयी दिल्ली. राजस्थान के जयपुर से श्री गंगानगर तक यात्रा कर रही महिला यात्री गायत्री बिशनोई के लिए 19 नवंबर को ट्रेन संख्या 22997 के एचए-1/21 कोच में सफर किसी दु:स्वप्न से कम नहीं था जब उसी ट्रेन के तीन पुरुष शराबी यात्री उत्पात मचाते हुए उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे और शायद यही वजह है कि सुश्री बिशनोई ने कहा,“ट्रेन में केवल महिला ही नहीं कोई भी यात्री सुरक्षित नहीं है.”
सुश्री बिशनोई ने कहा “ बड़ी हैरानी की बात है, रात को एक बजे ट्रेन में कुछ बदमाश खुलेआम नशे का सेवन कर, गंदी गालियों से यात्रियों को परेशान कर रहे थे. मैंने शिकायत करने की कोशिश की तो पाया कि पूरी ट्रेन में एक भी आरपीएफ़ / जेआरपीएफ तैनात नहीं है. मेरे टीटी द्वारा शिकायत करने पर एक घंटे बाद पुलिस आई. इसी बीच बदमाश मुझे धमकियाँ दे रहे होते है. वो तो सहायक यात्रियों की मदद से में पूरे मामले में पुलिस के आने तक डटी रही . पर यदि इस एक घंटे के दौरान कोई दुर्घटना घट जाती तो उसका ज़िम्मेदार कौन होता.”
उल्लेखनीय है कि रेलवे द्वारा तमाम उपाय किए जाने के बावजूद भी उसे इम्प्लीमेंट करने वाले अधिकारी व कर्मचारी घोर लापरवाही करते पाए जाते हैं, यही कारण है कि यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. नवंबर महीने में ट्रेनों में भारी भीड़ देखी गई, लेकिन रेलवे के इंतजाम ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुए. इसके अलावा रेलवे के तमाम अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही पब्लिक के लिए भारी परेशानी का सबब बना हुआ था.