जब सामाजिक कार्यों की बात आती है तो तनीषा मुखर्जी हमेशा सबसे आगे रही हैं. तनीषा मुखर्जी ने 16 सितंबर को कार्टर रोड, एम्फीथिएटर, बांद्रा में ‘स्टैम्प फाउंडेशन’ और ‘माई ग्रीन सोसाइटी’ द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कॉस्टल सफाई दिवस कार्यक्रम में उपस्थित थीं. सुबह 9 बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम में तनीषा मुखर्जी के साथ सम्माननीय मुख्य अतिथि के रूप में ‘जैकी श्रॉफ’ और मुंबई में इज़राइल के माननीय महावाणिज्य दूत ‘कोबी शोशानी’ भी शामिल हुए.
इस महत्वपूर्ण दिवस पर, मुंबई की विभिन्न कॉलेजों के लगभग 500 एनएसएस छात्रों ने इस कार्यक्रम का समर्थन करते हुए इसमें अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. इस मुहिम का लक्ष्य कॉस्टल यानि की समुद्र के तट, की सफाई के लिए एवं इसे स्वच्छ और भविष्य के लिए समृद्ध रखने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने का था.
इस कार्यक्रम के बारे में तनीषा मुखर्जी कहती हैं, “बहुत से लोग शायद इस बात से अवगत नहीं हैं कि मैंग्रोव दोगुना कार्बन अवशोषित करते हैं. इसीलिए, बांद्रा मैंग्रोव के चारों ओर बाड़ लगाने की तत्काल आवश्यकता है. यह वास्तव में एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि जब भी हम सफाई गतिविधि में शामिल होते हैं, प्लास्टिक समुद्र से लौटता रहता है. दुर्भाग्य से, इन मैंग्रोवों को शहर के अन्य मैंग्रोवों की तरह अभी तक समुद्र से दूर नहीं किया गया है. समुद्र वो प्लास्टिक और मलबा फेंकता है जिसे वहां फेंक दिया जाता है. इसलिए, यहां के मैंग्रोवों को बाड़ लगाने और मलबे को हटाने की जरूरत है क्योंकि यह उनकी जड़ों का गला घोंट रहा है.”
उन्होंने आगे कहा, “यदि हम स्वयं अपने कार्यों से प्रभाव नहीं डालते हैं, तो हम दूसरों से पर्यावरण की बेहतरी की दिशा में प्रभाव डालने और बदलाव की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? प्रकृति हमारा एक हिस्सा है और इसलिए, हम इसे हल्के में नहीं ले सकते. नागरिक भावना अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमें कचरे के निपटान के सटीक तरीके को समझने की आवश्यकता है. इसके अलावा, उन संगठनों पर नियमित जांच रखना महत्वपूर्ण है जो बहुत अधिक कचरा पैदा कर रहे हैं. मात्रा से लेकर उनके निपटान की प्रक्रिया तक हर चीज की निगरानी की जानी चाहिए और इसी तरह हम सांस लेने के लिए बेहतर और हरा-भरा वातावरण पा सकते हैं.”
उन्होंने अपनी बात का अंत करते हुए कहा की, “मैं वास्तव में इन युवा छात्रों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की मात्रा से प्रभावित हूं. वे हमारा भविष्य हैं और उन्हें जागरूक होते देखना बहुत सुखद है. हम सही दिशा में जा रहे हैं और यही कारण है कि, हर साल समर्थन करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है और हम बढ़ते रहते हैं. आज का युवा प्रभाव डालने और बदलाव लाने के लिए सक्रिय है. यही कारण है कि, जब हम उन्हें मैंग्रोव में ले जाते हैं, तो यह उनके लिए सीखने का एक अवसर होता है कि वे समझें कि हम दैनिक आधार पर कितना कचरा पैदा कर रहे हैं और जब यह समुद्र में जाता है, तो इसका खतरनाक प्रभाव पड़ता है. जागरूकता किसी भी चीज़ को बदलने की दिशा में पहला कदम है और कोई भी बदलाव रातोरात नहीं होता है. मुझे खुशी है कि प्रक्रिया शुरू हो गई है और उम्मीद है कि समय के साथ अधिक से अधिक युवाओं के हमारे साथ जुड़ने से इसमें और बेहतरी होगी. रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने के प्रति मेरे दृष्टिकोण और मुझ पर भरोसा करने के लिए मैं सभी की आभारी हूं. अंत में, मैं छात्रों को प्रेरित करने और पर्यावरण के इतने प्रबल समर्थक होने के लिए जैकी श्रॉफ और कोबी शोशानी को धन्यवाद देना चाहती हूं. उन्होंने अपने दूरदर्शी दृष्टिकोण से उदाहरण प्रस्तुत किया.
काम के मोर्चे पर, तनीषा मुखर्जी अपनी फिल्म ‘लव यू शंकर’ और अपने हाल ही में रिलीज हूए गाने ‘ओम नमः शिवाय’ के साथ लोगों का दिल जीत रही हैं. इस गाने को यूट्यूब पर.2 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और इसके व्यूज अभी भी बढ़ रहे है. अधिक जानकारी के लिए बने रहें.