भदोही: ग्रामीणों ने उठाया हाथों में वैनर ‘रेलवे फाटक नहीं तो वोट नहीं’

  • जिला मुख्यालय ज्ञानपुर पहुँच कर जिलाधिकारी को सौंपा पत्रक
  • रेल समपार की मांग को लेकर ग्रामीण करेंगे वोट का बहिष्कार 

भदोही. उत्तर प्रदेश के जनपद भदोही के उत्तरी -पश्चिमी सीमा पर स्थित तकरीबन दर्जन भर गांव वाराणसी-लखनऊ रेल प्रखंड के मध्य रेल समापर न होने से एक दूसरे से कटे हैं. सालों से उनकी मांग पर विचार नहीं किया जा रहा. विरोध में ग्रमीण अपनी मांगों को लेकर वोट का बहिष्कार करेंगे. रेलवे ट्रैक के पास वैनर के साथ ग्रामीणों ने इसका विरोध भी किया है. कई गांव के मध्य से रेलवे लाइन गुजरने से ग्रामीणों की समस्या बढ़ गई है. ग्रामीण लंबे समय से रेल समापर के निर्माण को लेकर माँग करते आ रहें हैं. शुक्रवार को जहाँ ग्रामीणों ने भदोही जिलाधिकारी को अपनी मांगों का पत्रक सौंपा वहीं गाँव से गुजर रहे रेलवे ट्रैक के पास ‘रेल समपार नहीं तो वोट नहीं’ के वैनर के साथ प्रदर्शन भी किया.
भदोही जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर उत्तर पश्चिम दिशा में स्थित सरांयकंसराय, रामनगर हरदुआ जोगापुर, भौथर, अर्जुनपुर, गोपीपुर, सेमरा, गौरा, गंगारामपुर, हरिकरनपुर, छनौरा, दुर्गागंज, हरीपुर, अभिया, निदिऊरा, पूरेमनोहर, पूरेदरियाव, पूरेखुशहाल, कीर्तिपुर, चकजीतराय जहाँ प्रभावित हैं. वहीं दूसरी तरफ जौनपुर जनपद के सीमावर्ती गाँव कवियाचक, कमासीन, पांडेयपुर, कसेरवां, बसेरवा, बड़ईयां समेत दूसरे गाँव प्रभावित हैं. मांगलिक कार्यक्रम और दूसरे समारोह में लोग एक दूसरे गांवों में जाते हैं लेकिन समपार की समस्या को देखते हुए लोग जा नहीं पाते.
कई गांव रेलवे के दोनो तरफ बसे हुए हैं. इन्हीं गांव से होकर वाराणसी-लखनऊ रेल प्रखंड गुजरता है. जिसकी वजह से तकरीबन 25 हजार आबादी प्रभावित है. इसके पहले सिंगल रेलवे ट्रैक था लेकिन अब डबल ट्रैक होने से यह समस्या काफी गंभीर हो गई है. भदोही जनपद और जौनपुर की सीमा भी रेलवे लाइन से सटी हुई है. तकरीबन दर्जन भर गांवों का एक दूसरे के गांव में आना जाना है और खेती-बाड़ी भी है. जिसकी वजह से अब तक अनगिनत रेल हादसे हो चुके है. कई निर्दोष ग्रामीणों को अपनी जान गंवाना पड़ा है. स्कूल, कॉलेज अस्पताल, न्यायालय जिला मुख्यालय जाने के लिए डबल रेल ट्रैक को पार करना पड़ता है. रेलवे ट्रैक अत्यधिक व्यस्त होने के चलते लोगों की जान जोखिम में रहती है.
ग्राम पंचायत सरांयकंसराय के ग्राम प्रधान नन्दलाल मिश्रा का कहना है कि लम्बे समय से चली आ रहीं ग्रामीणों की मांग को भदोही के जनप्रतिनिधियों ने कोई तवज्जो नहीं दिया. ग्रामीणों की खेती बाड़ी रेलवे लाइन के दोनों तरफ है. विभिन्न कार्यक्रमों में एक दूसरे के गांव में जाना-आना पड़ता है. दिन भर में कई बार ग्रामीणों को रेलवे ट्रैक पार करना पड़ता है. स्कूली बच्चे भी इसी रेलवे ट्रैक पर जान जोखिम में डालकर गुजरते हैं. वृद्ध महिलाएं और बच्चे भी इसी तरह रेलवे ट्रैक पार करते हैं. जिला मुख्यालय ज्ञानपुर, ब्लॉक मुख्यालय, अस्पताल बाजार, थाना दुर्गागंज जाने के लिए हर हालत में रेलवे ट्रैक पार करना पड़ता है. पहले सिंगल रेलवे ट्रैक था लेकिन अब डबल रेलवे ट्रैक हो जाने से ट्रेनों का आवागमन अधिक हो गया है. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. अब तक कई लोग रेलवे की चपेट में आने से जान गवा चुके हैं. हम लोग भदोही जिलाधिकारी को शुक्रवार को ज्ञापन भी सौंपा है. आसपास के दर्जन भर गांव कई सालों से यहां रेलवे संपर्क की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक रेलवे प्रशासन ने इस पर गौर नहीं किया है. इसको लेकर ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है. जब तक रेल संपर्क का निर्माण नहीं होता है हमारे गांव और आसपास के गांव के लोग वोट का बहिष्कार करेंगे.
रामनगर गांव के निवासी एवं मुंबई में व्यवसायी बृजेश पांडेय ने बताया कि रेल फाटक न होने से एक दर्जन गांवों के लोगों को काफी समस्या हो रही है. 500 मीटर की दूरी तय करने में हम लोगों को 15 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है. मांगलिक और अन्य कार्यक्रम में एक दूसरे गांव के लोग एक दूसरे गांव में जाने के लिए परेशान हो रहे हैं. लंबे समय से ग्रामीणों की तरफ से रेल समापर की मांग की जा रहे लेकिन भदोही के नेताओं की तरफ से कोई संतोष जनक जवाब अब तक नहीं मिल सका है. जिसके कारण गांव के लोगों ने वोट बहिष्कार का मन बनाया है. रेल मंत्री जी को इस मामले पर ग्रामीणों की बात पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.
सुरियावां और सरांयकंसराय रेलवे स्टेशन के मध्य 12 किलोमीटर की दूरी है. इस दौरान सिर्फ पट्टीवेजांव गाँव में अथक प्रयास के बाद ही एक रेल संपर्क बन पाया है. सरांयकंसराय में एक और रेल समपार की आवश्यकता महसूस की जा रही है. समापर न होने आसपास के गांवों की समस्या बढ़ गई है.