नयी दिल्ली. राजधानी में इस सप्ताह शुरू हो रहे 18वें जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान मेहमानों के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले आकर्षणों में डिजिटल इंडिया एक्सपीरियंस जोन भी एक प्रमुख आकर्षण होगा. यहां भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था और डिजिटल सार्वजनिक सुविधाओं की प्रगति के साथ आगंतुक एक कियोस्क श्रीमद्भगवत गीता के दर्शन के आलोक में जीवन से जुड़े सवालों के जवाब भी पा सकते हैं. इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की इस पहल का उद्देश्य प्रतिनिधियों कोभारत में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और महत्वपूर्ण जनसंख्या पैमाने पर लागू डिजिटल परिवर्तन की सफलता का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है.
जी20 शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर के बीच प्रगति मैदान के नव निर्मित अत्याधुनिक भारत मंडपम अंतराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन परिसर में आयोजित किया जा रहा है. मंत्रालय के अनुसार वैश्विक हितधारकों को स्केलेबल और अनुकरणीय परियोजनाओं के बारे में जागरूक बनाने तथा आगंतुकों को डिजिटल प्रौद्योगिकी की शक्ति का प्रत्यक्ष अनुभव कराने में अनूठा अवसर प्रदान करने के लिए इलैक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय प्रगति मैदान में हॉल 4 और हॉल 14 में दो अत्याधुनिक डिजिटल इंडिया एक्सपीरियंस जोन स्थापित कर रहा है.
अधिकारियों के अनुसार भारत इस सम्मेलन के लिए आने वाले राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के आतिथ्य सत्कार के लिए तैयार है. यह शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में एक वर्ष से पूरी की जारी सभी जी20 प्रक्रियाओं और देश भर में आयोजित बैठकों का निष्कर्ष प्रस्तुत करेगा. आयोजन से पहले हुई बैठकों में सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और संगठनों के मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने विविध विषयों पर सुगठित तरीके से वार्ताएं की हैं और प्रस्तावों के मसौदे तैयार किए हैं.
नयी दिल्ली शिखर सम्मेलन के समापन पर जी20 नेताओं की घोषणा स्वीकार की जाएगी. नेताओं की घोषणा में संबंधित मंत्रिस्तरीय और कार्य समूह की बैठकों के दौरान चर्चा की गई और सहमत प्राथमिकताओं के प्रति नेताओं की प्रतिबद्धता का उल्लेख होगा. डिजिटल इंडिया एक्सपीरियंस जोन का उद्देश्य विश्व स्तरीय पहलों का प्रदर्शन करना है जो निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करती हैं:जीवन की सुगमता, व्यवसाय की सुगमता, राजकाज में सुगमता. डिजिटल इंडिया एक्सपीरियंस जोन अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का खजाना है, जो डिजिटल इंडिया की महत्वपूर्ण पहलों में ज्ञान और अंतर्दृष्टि से भरा हुआ है. डीपीआई को लागू करने में श्रेष्ठ व्यवहारों को दिखाने के लिए आधार, डिजीलॉकर, यूपीआई, ई-संजीवनी, दीक्षा, भाषिणी और ओएनडीसी जैसी सात प्रमुख पहलों का चयन किया गया है.
मंत्रालय का कहना है कि यह प्रदर्शनी एक गहन अनुभव प्रदान करेगी, जिससे आगंतुकों को भारत में डीपीआई रिपॉजिटरी का पता लगाने और वैश्विक समुदाय की बेहतरी के लिए अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में मदद मिलेगी. इस प्रदर्शनी में आधार फेस ऑथेंटिकेशन सॉफ्टवेयर , यूपीआई मोबाइल ऐप की सुविधा, क्यूआर कोड को स्कैन करके मामूली भुगतान के साथ सहज लेनदेन के तरीके को दर्शाया जाएगा.
अतिथि भारत में शिक्षा, वित्त और बैंकिंग, यात्रा, परिवहन, रियल एस्टेट, कानूनी और न्यायपालिका जैसे क्षेत्रों में प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और दक्षता बढ़ाने में में डिजटलीकरण की भूमिका को भी देख सकेंगे. ई-संजीवनी, दीक्षा प्रदर्शनी और भाषिणी प्रदर्शनी भी इस जोन का का प्रमुख आकर्षण होगी. आगंतुकों को 2014 के बाद से डिजिटल इंडिया की प्रमुख उपलब्धियों को दिखाया जाएगा. उन्हें डिजिटल ट्री प्रदर्शनी में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना ( डीपीआई ) के मूल सिद्धांतों और डिजिटल इंडिया पहल के विकास का पता लग सकेगा. वे यह भी देख सकेंगे कि ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) में बड़े पैमाने पर विक्रेताओं, ग्राहकों और नेटवर्क प्रदाताओं के साथ कैसे सहयोग करता है.
डिजिटल इंडिया एक्सपीरियंस जोन इंटरैक्टिव डिस्प्ले, वर्चुअल रियलिटी और अन्य बहुत कुछ के रूप में अत्याधुनिक तकनीकों को नियोजित करता है. अधिकारियों का कहना है कि भारत इस क्षेत्र में दुनिया के साथ सहयोग को तैयार है.