दलित उत्पीड़न के मामले में सोनहा पुलिस निष्क्रिय, नहीं दर्ज होता मुकदमा।

बस्ती, उत्तर प्रदेश. बस्ती के अधिकारी योगी/मोदी सरकार के नारे “सबका साथ सबका विकास” को मटीया-पलीत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. मामला 21 मई 2024 सोनहा थाना क्षेत्र अंतर्गत केनथू चौराहे का है जहां सिम पोर्ट कर रहे रितेश कुमार पुत्र बुधिराम को दबंगों ने जमकर मारा पीटा. दरअसल रितेश केनथू चौराहे पर सिम पोर्ट का कैंप लगाया हुआ था जहां पर अतुल मिश्रा, जितेंद्र मिश्रा, दुर्गेश मिश्रा सिम पोर्ट करवाने आए. सिम पोर्ट करवाने के बाद जब यह लोग जाने लगे तब रितेश ने सिम पोर्ट करवाने का चार्ज ₹20 मांगा बस क्या था तीनों लोग रितेश पर विफर पड़े और मां बहन एवं जाति सूचक शब्दों से गाली गलौज करने लगे रितेश के द्वारा विरोध किए जाने पर तीनों लोगों ने लात घुसो से जमकर मारा पीटा, मामले के दौरान रितेश कुमार ने डायल 112 नंबर पर इस घटना की सूचना दी पुलिस कर्मियों के पहुंचने के बाद किसी तरीके से पीड़ित की जान बच पाई और रितेश को पीटने वाले लोग रफू चक्कर हो गए. रितेश को फोन पर धमकी देते हुए केनथू के प्रधान राजू मिश्रा ने कहा कि सुलह समझौता कर लो नहीं तो तुमको फर्जी चोरी के इल्जाम में फंसा देंगे. इन सब घटनाओं से आहत होकर प्रार्थी ने लिखित प्रार्थना पत्र 21 मई को थानाध्यक्ष सोनहा को दिया परन्तु तीन दिन बीत जाने के बाद अभी तक सोनहा पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की.

विदित हो कि सोनहा थाना पर पिछले दिनों दलित उत्पीड़न के ऐसे कई मामले आए हैं और इन सभी मामलों को किन्हीं परिस्थितियों बस दबा दिया जाता है. अभी 12 मई को ही पंडरी ग्राम से दलित उत्पीड़न का मामला सामने आया था, जहां बकरी खेत में चले जाने पर दलित को जमकर मारा पीटा गया. इस मामले पर भी अभी तक मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ उल्टे नाबालिको को ही गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर चार दिनों के लिए जेल में डाल दिया गया. लोगों से मिलीं जानकारी के अनुसार कुछ महीने पहले कनेथू बुजुर्ग में जातिवादी मानसिकता से प्रेरित दबंगों द्वारा अनुसूचित जाति के लड़के को मारते पीटते गाली देते हुए जबरदस्ती जय श्रीराम का नारा लगवाया गया था. कुछ दिन पहले इसी थाने का एक लड़की को मारने पीटने का मामला सकतपुर गांव का था पीड़िता के अनुसार थाने से गाली देकर भगा दिया गया. भारत मुक्ति मोर्चा के जिलाअध्यक्ष आर के आरतियन द्वारा बताया गया कि ऐसे कई मामले हैं जिनमें थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार मिश्रा जातिवाद पक्षपात करते रहे है.