नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली का दिन सीमावर्ती क्षेत्रों में जाकर जवानों के साथ बिताने की अपनी परंपरा के अनुसार इस बार हिमाचल प्रदेश के लेप्चा में बहादुर सुरक्षा बलों के बीच पहुंचे और उनकी सेवाओं के प्रति देश का आभार जताया. श्री मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा,“युद्ध क्षेत्र से लेकर बचाव अभियान तक, भारतीय सशस्त्र बल जीवन बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” उन्होंने कहा,“देश आपका आभारी और ऋणी है.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए जवानों के साथ दिवाली बिताना गहरी भावना और गर्व से भरा अनुभव रहा है.
उन्होंने कहा,“जहाँ जवान तैनात हैं वह जगह मेरे लिए किसी मंदिर से कम नहीं है. आप जहाँ भी होते हो, मेरा त्यौहार वहीं है.” श्री मोदी ने कहा कि सशस्त्र बलों ने भारत के गौरव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और आज देश की रक्षा में नारीशक्ति बड़ी भूमिका निभा रही है.
उन्होंने कहा कि दिवाली के त्योहार और जवानों के साहस की प्रशंसा का मिलन देश के प्रत्येक नागरिक के लिए का बोध का अवसर है. उन्होंने सीमावर्ती इलाके में स्थित देश के आखिरी गांव, जिसे अब सरकार की ओर से पहला गांव माना गया है, में जवानों के साथ दिवाली मनाते हुए लोगों को ज्योति पर्व की शुभकामनाएं दीं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि त्योहार की खुशी परिवार के साथ होती है, त्योहार के दिन हमारे जवानों का परिवार से दूर रह कर सीमाओं की रक्षा करना कर्तव्य के प्रति समर्पण की पराकाष्ठा है . उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों को अपना परिवार मानने की भावना सुरक्षाकर्मियों को अपने काम का एक मकसद देती है. उन्होंने कहा,“देश इसके लिए आपका आभारी और ऋणी है. इसीलिए हर घर में आपकी सुरक्षा के लिए एक दीया जलाया जाता है.”
उन्होंने कहा, “जहाँ जवान तैनात हैं वह जगह मेरे लिए किसी मंदिर से कम नहीं है. तुम जहाँ भी हो, मेरा त्यौहार वहीं है. यह शायद 30-35 वर्षों से चल रहा है.” प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों के जवानों और बलिदान की परंपरा को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा,“हमारे बहादुर जवानों ने खुद को सीमा पर सबसे मजबूत दीवार साबित किया है और हार के जबड़े से जीत छीनकर नागरिकों का दिल जीता है.”
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र निर्माण में सशस्त्र बलों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जवानों ने भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय शांति मिशनों का भी उल्लेख किया जहां सशस्त्र बलों ने बहुतों की जान बचाई हैं. उन्होंने कहा, “सशस्त्र बलों ने भारत के गौरव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.”
प्रधानमंत्री ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र में शांति सैनिकों के लिए एक स्मारक हॉल के प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया और कहा कि यह विश्व शांति स्थापित करने में उनके योगदान को अमर बना देगा. श्री मोदी न केवल भारतीयों बल्कि विदेशी नागरिकों के लिए भी संकटग्रस्त क्षेत्रों से निकासी अभियानों में भारतीय सशस्त्र बलों की भूमिका का उल्लेख करते हएु सूडान में उथल-पुथल से की गई सफल निकासी और तुर्किये में भूकंप के बाद बचाव अभियान को याद किया. प्रधानमंत्री ने कहा,“युद्ध क्षेत्र से लेकर बचाव अभियान तक, भारतीय सशस्त्र बल लोगों की जान बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
वर्तमान विश्व परिदृश्य में भारत से वैश्विक अपेक्षाओं की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने देश में सुरक्षित सीमा, शांति और स्थिरता के महत्व को दोहराया. उन्होंने कहा,“भारत सुरक्षित है क्योंकि इसकी सीमाएं हिमालय जैसी दृढ़ता वाले बहादुर जवानों द्वारा सुरक्षित हैं.”