शशि थरूर इजराइल पर हमास के हमले को जघन्य आतंकी हमला बताया, कहा इज़रायली और फिलिस्तीनी सुरक्षित सीमाओं में रहें

नयी दिल्ली. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर ने इज़रायल पर हमास के हमले को एक जघन्य आतंकवादी हमला करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है और कहा है कि भारत ने हमेशा से चाहा है कि इज़रायली एवं फिलिस्तीनी दोनों ही अपनी अपनी सुरक्षित सीमाओं में शांति और सम्मान से रहें लेकिन इसके लिए संघर्ष का रुकना एवं शांति बहाली जरूरी है.
श्री थरूर ने इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर कांग्रेस कार्यसमिति के बयान लेकर उठे विवाद पर पार्टी की राय विस्तार से रखी और कहा, “सबसे पहले पूरी स्थिति इज़रायल में राष्ट्रीय अवकाश के दौरान हमास द्वारा अचानक किए गए हमले से भड़की है… यह एक आतंकी ऑपरेशन था. उन्होंने निर्दोष नागरिकों, बच्चों को मार डाला. बुजुर्ग लोग और युवा एक संगीत समारोह में भाग ले रहे हैं. हमास ने जो किया उसके लिए किसी भी औचित्य को स्वीकार करना वास्तव में असंभव था. मैं निश्चित रूप से आतंकवादी कृत्य की निंदा में शामिल हूं….”
श्री थरूर ने कहा “उसी समय हम समझ रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भयावहता के समय इज़रायल के लिए एकजुटता दिखाते हुए खड़े हैं. साथ ही, हमें यह भी लगा कि उनका (प्रधानमंत्री का) बयान अधूरा था… यह फिलिस्तीनियों के लिए एक कठिन स्थिति है, खासकर बस्तियों के निर्माण और नए निर्माण के बाद से कब्जे वाले क्षेत्रों में यहूदी निवासियों के लिए घर इन वर्षों में बेरोकटोक जारी रहे हैं… मैं यह केवल इसलिए कह रहा हूं क्योंकि हमारे और कांग्रेस पार्टी के लिए और पारंपरिक रूप से भारत के लिए, स्थिति बहुत स्पष्ट है. हम चाहते हैं कि इज़रायली और फिलिस्तीनी दोनों सुरक्षित सीमाओं और परिस्थितियों के पीछे शांति और सम्मान से रहें, जहां किसी को भी किसी भी समय अपने जीवन के लिए डर न हो… दोनों पक्षों में मरने वालों की संख्या हर दिन बढ़ रही है… हम चाहते हैं कि इस मामले में संघर्ष रुके और शांति बहाल की जाए.”
रतलब है कि शनिवार को हमास के आतंकवादियों ने इज़रायल की सीमा पार करके वहां के निहत्थे नागरिकों, महिलाओं, बच्चों, बुज़ुर्गों को निशाना बनाया और इज़रायली सीमा के भीतर हज़ारों राकेट दागे. इस हमले के बाद दोनों पक्षों के बीच संघर्ष में दोनों ओर से हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं. लेबनान ने भी इज़रायल पर राकेटों से हमला कर दिया है और इज़रायली फौज इसका जवाब दे रही है. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली ने इज़रायल के प्रति एकजुटता एवं समर्थन व्यक्त किया है.