हत्या के मामले में भी कप्तानगंज थाने की पुलिस नहीं लिखती एफआईआर- बस्ती

बस्ती, उत्तर प्रदेश:- लगातार जिले में अपराधों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है बीते कुछ दिनों में कई ऐसे अपराधिक मामले सामने आए हैं, जो जघन्य अपराधों में शुमार है जैसे गैंग रेप के बाद हत्या, हत्या, चोरी के कई ऐसे मामले हैं.

पिछले दिनों कप्तानगंज थाना अंतर्गत ग्राम भूपालपुर (कच्चीपुर) संदीप विश्वकर्मा पुत्र बाबूलाल विश्वकर्मा की हत्या पानी में डूबा कर तीन युवकों के द्वारा कर दी जाती है घटना 13 जून की है घटना की सूचना प्रार्थी बाबूराम विश्वकर्मा के द्वारा कप्तानगंज थाने से लेकर एसपी ऑफिस तक देने के बाद भी मुकदमा पंजीकृत तक नहीं होता, आपको बताते चलें कि बाबूराम विश्वकर्मा ने लिखित रूप से तीन युवकों पर हत्या करने का आरोप लगाया है जिसमें दो नामजद है और एक अज्ञात, मृतक के चाचा बाबूराम ने प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि 13 जून दिन में करीब 11:00 बजे उससे मिलने के लिए आरोपी युवकों ने फोन किया फोन पर बातचीत करने के बाद वह फौरन एकटेकवा चौराहे पर जाकर उन लोगों से मिला और साथ में नाश्ता और चाय पीकर मोटरसाइकिल पर बैठाकर संदीप विश्वकर्मा को शिवम पुत्र राम ललित ग्राम डमरूआ थाना कोतवाली, रोहित चौधरी पुत्र शिवनारायण ग्राम पैगापुर, डमरूआ थाना कोतवाली तथा सिद्धार्थ पुत्र अज्ञात पता अज्ञात, मृतक को गाड़ी पर बैठा कर बाघौड़ा की तरफ ले गए. किसी बात को लेकर मृतक और इन तीन लोगों से कहा सुनी हो गई और आवेश में आकर बघाड़ा गांव के निकट रवाई नदी में रोहित ने संदीप विश्वकर्मा को धक्का दे दिया जब संदीप नदी में गिर गया ऊपर से यह तीन लोग मिलकर उसे नदी में डुबोकर मार डाले और बिना शोर-शराबा मचाए व परिवार को खबर दिए वहां से चुपके से भाग गए. मृतक की जेब में मोबाइल थी उसी मोबाइल से आरोपियों से सारी बातचीत हुई थी, सबूत ना मिले इस वजह से अपराधियों ने उस मोबाइल को ईट से कूंच कर नष्ट कर डाला, प्रार्थी ने आगे बताया कि मृतक की गाड़ी की चाबी भी अपराधियों के पास ही है और इस घटना की सूचना मिलने पर प्रार्थी व उसके सहयोगी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे मृतक की लाश का शिनाख्त किया गया. घटना की सूचना पर कप्तानगंज पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची और शव अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया पोस्टमार्टम हाउस से शव मिलने के बाद प्रार्थी उनके सहयोगी व गांव वालों ने मिलकर दाह संस्कार करवाया, उसके बाद थाना कप्तानगंज को इस संपूर्ण घटना के संदर्भ में लिखित शिकायत मुकदमा पंजीकृत के उद्देश्य से दी गई, इस बात की सूचना पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक बस्ती और मुख्यमंत्री से भी लिखित शिकायत की परंतु हफ्ते भर से ऊपर का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक कप्तानगंज पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया.

क्षेत्रवासियों की मानें तो लोगों में चर्चा है कि इस मामले को दबाने में बड़े-बड़े नेता इंवॉल्व हैं और इस हत्या की घटना मे मुकदमा दर्ज होना नामुमकिन है पुलिस प्रशासन भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है वह भी राजनीतिक दबाव के कारण इस मामले को दबाना चाहती है. अभी तक मुकदमा तो नहीं पंजीकृत हुआ सूत्रों के अनुसार पुलिस इस मामले में जांच कर रही हैं लेकिन प्रश्न यह उठता है बिना एफआईआर के जांच कैसी और क्यों? किस लिए? जब प्रार्थी मुकदमा पंजीकृत करवाने के लिए इधर उधर भटक रहा हो ऐसे में पुलिस प्रशासन को चाहिए कि विधि सम्मत एफ आई आर दर्ज करते हुए मामले का निष्पक्ष जांच करें. देखना यह है कि पीड़ित को कब तक भटकना होगा और पुलिस प्रशासन एफ आई आर दर्ज करके कब निष्पक्ष मामले का अनुसंधान करेगी.

हत्या के मामले में भी कप्तानगंज थाने की पुलिस नहीं लिखती एफआईआर- बस्ती