नयी दिल्ली . तीन दिनों से राजधानी दिल्ली समेत उत्तर और पश्चिम भारत में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में बारिश और वर्षाजनित हादसों में 41 लोगों की मौत हो चुकी है. बारिश का कहर सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश में देखने को मिल रहा है, वहां 17 लोगों की मौत हुई है.
उत्तर प्रदेश में नौ, उत्तराखंड में छह, पंजाब में पांच तथा जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में दो-दो लोगों की मौत हुई हैं. राजधानी दिल्ली में बारिश के कारण सोमवार को सभी स्कूल बंद रहे जबकि हिमाचल प्रदेश में सभी स्कूल सोमवार और मंगलवार को बंद रहेंगे. हिमाचल प्रदेश में लगातार मूसलाधार बारिश के करण सोमवार को उच्च न्यायालय सहित राज्य की सभी जिला न्यायपालिका में अवकाश घोषित किया गया.
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने सोमवार को यहां जारी अधिसूचना में अधिकारियों को यह सूचित करने का निर्देश दिया गया कि लगातार बारिश के कारण वादकारियों, वकीलों, कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों की कठिनाइयों के मद्देनजर उच्च न्यायालय और सभी जिला न्यायापालिकों में सोमवार को अवकाश घोषित किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां देश के कई हिस्सों में हो रही भारी बरसात के कारण बाढ़ और उससे जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस बैठक में केन्द्रीय मंत्रिमंडल के कई वरिष्ठ मंत्री और शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे. प्रधानमंत्री ने देश के कुछ हिस्सों में अत्यधिक वर्षा के मद्देनजर बन रही स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने स्थानीय प्रशासन, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों द्वारा प्रभावित लोगों को बचाने एवं उन्हें राहत सुनिश्चित करने के लिए योगदान की भी जानकारी ली.
दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने यमुना के बढ़ते जल स्तर के मद्देनजर सोमवार अधिकारियों के साथ मोटर बोट पर यमुना के विभिन्न हिस्सों में जाकर मुआयना किया और किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए विभागों के राहत तथा बचाव संबंधी तैयारियों का भी निरीक्षण किया.