बस्ती (उत्तर प्रदेश). गुरूवार को लोकदल के जिलाध्यक्ष उदयभान चौधरी के नेतृत्व में पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जयन्त चौधरी के आवाहन पर मणिपुर के सवाल पर जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा.
राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में कहा गया है कि मणिपुर में महिलाओं के साथ घटित बर्बरतापूर्ण घटना शर्मनाक है. मणिपुर में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है, ऐसी स्थिति में मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जाय और सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर मणिपुर नरसंहार की निष्पक्ष जांच कराया जाय. मणिपुर में महिलाओं, आदिवासियोें, दलितों, गरीबों पर हो रहे अत्याचार पर रोक लगाने के साथ ही मणिपुर हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों को समुचित मुआवजा दिलाया जाय.
ज्ञापन सौंपने के बाद राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश महासचिव अरूणेन्द्र पटेल ने कहा कि मणिपुर की शर्मनाक घटना पर प्रधानमंत्री की लम्बी खामोशी और संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री द्वारा सरकार का पक्ष न रखना दुर्भाग्यपूर्ण, चिन्ताजनक है. रालोद इसकी कडी शव्दों में निन्दा करते हुये मांग करता है कि प्रधानमंत्री सदन में मणिपुर की घटना को लेकर स्पष्टीकरण देें.
राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंपने वालों में रालोद के ओम प्रकाश चौधरी, श्रीराम मौर्य, शिव कुमार गौतम, रामनाथ चौधरी, सुरेन्द्र चौधरी, प्रदीप चौधरी, प्रशान्त वर्मा, इन्द्र बहादुर यादव, मुन्नीलाल मास्टर, विवेक श्रीवास्तव, लालजी चौधरी, रमन पाण्डेय, सौरभ श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव, निर्मला देवी के साथ ही अनेक पदाधिकारी शामिल रहे.