केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मणिपुर की तुलना राजस्थान, बंगाल, बिहार से करते हुए की विपक्ष की आलोचना

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजस्थान, पश्चिम बंगाल और बिहार में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, दरिंदगी की घटनाओं और इस पर विपक्षी दलों की चुप्पी की भर्त्सना करते हुए इसकी तुलना राजस्थान, बंगाल, बिहार से कर डाली. उल्लेखनीय है कि इस समय मणिपुर में हुई दरिंदगी का मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है तथा इस मामले में सत्तापक्ष कटघरे में खड़ा है. शनिवार को इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन राज्य सरकारें दोषियों पर कार्रवाई की बजाय राजनीतिक रोटियां सेंकने में मशगूल हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय ने यहाँ पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश के कुछ राज्यों में महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रही आपराधिक घटनाओं को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और मानवता को शर्मसार करने वाली हैं. चूँकि कानून व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी होती है, फिर भी संबंधित राज्यों में महिला उत्पीड़न के खिलाफ कोई उचित कदम नहीं उठाए गए. महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म जैसी जघन्य घटनाओं को भी कुछ विपक्षी नेता राजनीतिक चश्मे से देखते हैं.
श्री ठाकुर ने कहा कि राजस्थान में नित्य प्रायः जिस प्रकार महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, एसिड अटैक और दिन दहाड़े हत्याओं जैसी घटनाएँ बढ़ रही हैं और उस पर कोई कार्रवाई भी नहीं होती, उससे एक शांतप्रिय राज्य राजस्थान के लोग मर्माहत हैं.
पिछले वर्षो वर्षों में महिला अपराध के मामलों में राजस्थान नंबर वन राज्य बन गया है. महिला अपराध की एक लाख 90 हजार घटनाएँ राजस्थान में पिछले चार वर्षों में, वहां की अशोक गहलोत सरकार के शासन काल में घटित हुई हैं. देश की 22 फीसदी महिला दुष्कर्म की घटनाएं अकेले राजस्थान से दर्ज हुई हैं.
केन्द्रीय मंत्री ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो दिन पूर्व कहा था कि महिला अपराध के मामलों में राज्य सरकारों को कड़े कदम उठाने चाहिए, लेकिन राजस्थान की गहलोत सरकार ने सोनिया जी और राहुल जी के आदेश पर कड़े कदम उठाते हुए अपने ही एक मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया, वह भी इसलिए कि श्री गुढ़ा ने दूसरे राज्यों में झाँकने की बजाय राजस्थान में लगातार महिलाओं बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता जताई थी और चर्चा कराने की मांग की थी. श्री गुढ़ा ने सदन में एक बहुत बड़ी बात भी कही कि प्रदेश में मुख्यमंत्री का इकबाल ख़त्म हो चुका है, राजस्थान में अराजकता का माहौल है, मुख्यमंत्री गहलोत विधानसभा न आते हैं और न ही जवाब देते हैं. राजस्थान के एक मंत्री द्वारा, जो साढ़े चार साल तक सरकार में रहे, अपने ही मुख्यमंत्री पर सवाल उठाना अपने आप में बड़ी बात है.